Google पिछले कुछ सालों में यूजर डेटा चोरी करने या उसका दुरूपयोग करने या सिस्टम के साथ छेड़छेाड़ करने के दोषी 80 कर्मचारियों को कंपनी से निकाल चुकी है। कंपनी ने 2020 में सुरक्षा संबंधी मामलों के मद्देनजर कुल 36 कर्मचारियों को निकाल दिया। एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। Motherboard की ओर से आई इस रिपोर्ट से यह पता चलता है कि गूगल जैसी टेक दिग्गज कंपनियां भी अपनी ही चारदीवारी के भीतर कर्मचारियों द्वारा यूजर डेटा सुरक्षा के लिए जूझ रही हैं। यह रिपोर्ट एक आंतरिक Google दस्तावेज़ पर आधारित है जिसे Motherboard ने पकड़ लिया था।
India Today के हवाले से Motherboard के अनुसार जो दस्तावेज़ उन्होंने पकड़ा है, वह "ठोस आंकड़े" देता है कि कैसे गूगल ने कर्मचारियों को अपने डिवाइसेज और डेटा का दुरुपयोग करने के लिए बाहर कर दिया। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि टेक दिग्गज Google ने 2018 और 2020 के बीच कथित रूप से Google यूजर या कर्मचारी डेटा तक पहुंचने के लिए दर्जनों कर्मचारियों को निकाल दिया था।
पिछले साल निकाले गए 36 कर्मचारियों में से 86 प्रतिशत पर गोपनीय जानकारी को गलत तरीके से संभालने का आरोप लगाया गया था, जैसे कि निजी Google जानकारी को बाहरी पार्टियों को ट्रांसफर करना। दस प्रतिशत लोगों को Google सिस्टम के दुरुपयोग के लिए दोषी ठहराया गया था। Google ने 2019 में इस तरह की सुरक्षा घटनाओं से संबंधित अपने 26 अन्य कर्मचारियों को निकाल दिया। 2018 में यह संख्या 18 थी, जैसा कि Motherboard को दस्तावेज़ सौंपने वाले व्यक्ति द्वारा खुलासा किया गया था।
उनके अनुबंधों को समाप्त करने के अलावा, Google के पास चेतावनी, प्रशिक्षण, या की गई गलती पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का विकल्प था। मगर गूगल ने उन्हें सीधे कंपनी से बाहर करने का विकल्प देखा। इसका तात्पर्य यही है कि उनका अपराध किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था जिससे कि उनको निकालना पड़ा।
Motherboard को दिए एक बयान में, Google के एक प्रवक्ता ने कहा कि अधिकांश उदाहरण जहां कर्मचारियों को निकाल दिया गया था, वे "संवेदनशील कॉर्पोरेट जानकारी या IP के अनुचित उपयोग, या दुरुपयोग से संबंधित हैं।" बेशक, इसका यूजर डेटा से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन कंपनी के अपने ट्रेड रहस्य हैं।
इसका मतलब यह नहीं है कि यूजर डेटा के साथ इस तरह की बेईमानी Google पर कभी नहीं की गई है। मगर कंपनी जोर देकर कहती है कि इस तरह के उल्लंघनों की संख्या, चाहे जानबूझकर या अनजाने में, "लगातार कम" है और यह यूजर डेटा तक बहुत सीमित कर्मचारी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज का पालन करती है।