अगर आप भी Gmail पर प्राप्त होने वाले स्पैम मैसेज से परेशान हो गए हैं तो अब आपको राहत मिलने वाली है। Google स्पैम ईमेल भेजने पर वालों पर नकेल कस रहा है, जिससे यूजर्स को प्राप्त होने वाले स्पैम मेल को कम किया जा सकेगा। खासतौर पर बल्क ईमेल भेजने वालों को अपने ईमेल ज्यादा रिजेक्ट होते हुए नजर आएंगे, जब तक कि वे Google की नई पॉलिसी को फॉलो करना शुरू नहीं करते। यूजर्स को अपने मैसेज को ऑथेंटिक करने की जरूरत होती है और वह सिर्फ उन्हें ईमेल भेज पाएंगे जो उनसे मैसेज प्राप्त करना चाहते हैं।
बीते साल अक्टूबर में एक ब्लॉगपोस्ट के जरिए बल्क सेंडर्स पर प्रतिबंध लागू करते हुए Google ने लिखा था कि “आपको किसी खास ईमेल सेंडर से गैर जरूरी मैसेज रिसिव होने से रोकने के लिए बहुत ज्यादा परेशानी नहीं उठानी चाहिए। यह सिर्फ एक क्लिक पर होना चाहिए। इसलिए हम चाहते हैं कि बल्क सेंडर जीमेल रिसिवर को एक क्लिक में कमर्शियल ईमेल से मेंबरशिप खत्म करने की क्षमता दें और वे दो दिनों के अंदर मेंबरशिप कैंसिल करने के अनुरोधों को स्वीकार करें।"
जीमेल की अपडेटेड स्पैम पॉलिसी बल्क सेंडर्स को यूजर्स को ज्यादा ईमेल भेजने से रोकती है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, नए नियमों के तहत बड़ी संख्या में सेंडर्स को ईमेल भेजने से बचने के लिए अपने आउटगोइंग ईमेल को ऑथेंटिकेट करने की जरूरत होती है। गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि बल्क सेंडर्स को जून 2024 तक सभी कमर्शियल और प्रमोशनल ईमेल के लिए वन-क्लिक अनसब्सक्राइब बटन चालू करना होगा। अनसब्सक्राइब बटन मैसेज के मुख्य भाग में साफतौर पर नजर आना चाहिए और कमर्शियल सेंडर को इन रिक्वेस्ट को दो दिनों के अंदर संसाधित करना होगा।
Google का अब कहना है कि इस महीने से बल्क सेंडर जो कंपनी के सेंडर की जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं उन्हें अस्थायी तौर पर एरर मिलेंगे। हालांकि, ये अस्थायी एरर नॉन-कंप्लाइंट ट्रैफिक के एक छोटे प्रतिशत तक सीमित होंगी और इनका उद्देश्य सेंडर को उस ट्रैफिक की पहचान करने में मदद करना है जो Google की जरूरतों को पूरा नहीं करता है। इस बीच Google ने नोट किया कि वह अप्रैल से "नॉन-कंप्लाइंस" ईमेल ट्रैफिक के एक प्रतिशत को अस्वीकार करना शुरू कर देगा और यह प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ेगा।
एक सपोर्ट पेज में बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए Google ने कहा कि "अप्रैल 2024 में हम नॉन-कंप्लाइंस ईमेल ट्रैफिक का एक प्रतिशत रिजेक्ट होना शुरू होगा और हम धीरे-धीरे रिजेक्शन रेट बढ़ जाएगी। जैसे कि अगर किसी सेंडर का 75 प्रतिशत ट्रैफिक हमारी जरूरतों को पूरा करता है हम बाकि 25 प्रतिशत ट्रैफिक के उस हिस्से को रिजेक्ट करना शुरू कर देंगे जो अनुपालन में नहीं है।"
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।