Germany करेगा भारतीय  IT वर्कर्स का वेल्कम, आसानी से मिलेगा वीजा

जर्मनी के चांसलर Olaf Scholz ने कहा है कि उनकी सरकार भारतीय इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स के लिए जर्मनी में वर्क वीजा हासिल करने का रास्ता आसान बनाना चाहती है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 28 फरवरी 2023 12:29 IST
ख़ास बातें
  • जर्मनी को सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट के लिए स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत है
  • लोगों के लिए बिना जॉब ऑफर के जर्मनी आना संभव हो सकता है
  • भारत को सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट में एक बड़ी ताकत माना जाता है

भारत में लगभग 1,800 जर्मन कंपनियां मौजूद हैं

दुनिया भर में IT सेक्टर में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले भारत की इस एक्सपर्टाइज का जर्मनी भी फायदा उठाना चाहता है। जर्मनी के चांसलर Olaf Scholz ने कहा है कि उनकी सरकार भारतीय इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स के लिए जर्मनी में वर्क वीजा हासिल करने का रास्ता आसान बनाना चाहती है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  Olaf ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "हम वीजा जारी करने को आसान बनाना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य कानूनी व्यवस्था के साथ ही पूरे ब्यूरोक्रेटिक प्रोसेस को मॉडर्नाइज करना है।" उन्होंने बताया कि जर्मनी में जरूरत वाले स्किल्ड वर्कर्स के लिए उनके परिवार के साथ जर्मनी आना आसान बनाने की योजना है। पिछले सप्ताह दो दिन के भारत के दौरे पर आए Olaf के साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक बिजनेस डेलिगेशन भी था।  Olaf ने कहा कि जर्मनी को सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट की डिमांड को पूरा करने के लिए कई स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत होगी। 

Olaf ने बताया कि लोगों के लिए बिना जॉब ऑफर के जर्मनी आना संभव हो सकता है। उनका कहना था कि भाषा से जुड़ी जरूरतों में छूट देने से जर्मनी को ऐसे प्रोफेशनल्स को आकर्षित करने में मदद मिलेगी जो इंग्लिश बोलने वाले देशों में जाना पसंद कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा. "यह स्पष्ट है कि IT स्पेशलिस्ट के तौर पर जर्मनी आने वाला कोई व्यक्ति आसानी से अपने सहकर्मियों के साथ बातचीत कर सकता है क्योंकि जर्मनी में बहुत से लोग इंग्लिश बोल सकते हैं। जर्मन बाद में सीखी जा सकती है।" 

भारत की प्रगति की प्रशंसा करते हुए Olaf ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में IT के डिवेलपमेंट में तेजी आ रही है। Olaf का कहना था, "हमें टैलेंट की जरूरत है, हमें स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत है। भारत में IT और सॉफ्टवेयर का डिवेलपमेंट बढ़ रहा है और देश में बहुत सी सक्षम कंपनियां हैं। भारत में काफी टैलेंट है और जर्मनी में हम इस टैलेंट को रिक्रूट करना चाहते हैं।" उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 1,800 जर्मन कंपनियां मौजूद हैं और इन्होंने हजारों जॉब्स उपलब्ध कराई हैं। 
 

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