इस साल जनवरी में आईआईटी बॉम्बे (IIT-Bombay) के 85 छात्रों को कथित तौर पर सालाना 1 करोड़ का जॉब ऑफर मिला था। लेकिन प्लेसमेंट का दूसरा सेशल खत्म होते-होते एक नई रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे के 36 प्रतिशत छात्रों को कोई नौकरी नहीं मिली थी। यह आंकड़ा प्लेसमेंट के लिए रजिस्टर कर चुके कुल छात्रों में से था, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि संख्या बड़ी थी। अब, एक लेटेस्ट रिपोर्ट बताती है कि भारत के आईटी नौकरी (IT Jobs) मार्केट में पिछले कुछ वर्षों में एंट्री-लेवल की नौकरियों में लगातार गिरावट देखी गई है और इस साल और अधिक गिरावट का अंदेशा है। वहीं, कैंपस प्लेसमेंट में भी कथित तौर पर गिरावट दिखाई देने वाली है।
ईटी नाउ के साथ हुए एक
इंटरव्यू में, टीमलीज सर्विसेज के सीएफओ रमानी दाथी ने आईटी जॉब मार्केट के वर्तमान परिदृश्य के बारे में बात की और बताया कि IT सेक्टर में पिछले कुछ वर्षों में एंट्री-लेवल जॉब्स में लगातार गिरावट देखे जाने के बाद यह साल भी भारतीय जॉब सर्चर्स के लिए खासा अच्छा नहीं जाने वाला। उनका कहना है कि इस साल पहले की तुलना में अधिक गिरावट देखे जाने की संभावना है। इतना ही नहीं, उनका यह भी कहना है कि कैंपस प्लेसमेंट में भी इस साल गिरावट दिखाई दे सकती है। दाथी ने कहा कि पिछले साल भी कैंपस हायरिंग अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन चूंकि आईटी में एंट्री-लेवल नौकरियों की लागत वास्तव में कम है, इसलिए कंपनियां एंट्री-लेवल हायरिंग के साथ आगे बढ़ीं और L&D और अपस्किलिंग पर खर्च किया।
अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "यह पिछले वर्ष के लिए काम कर रहा था। लेकिन इस वर्ष, एंट्री-लेवल पर भी कैंपस भर्तियां पिछले दो वर्षों के रुझानों की तुलना में कम होंगी। चाहे वह 50% कम होगी, 60% कम होगी, हम बहुत निश्चित और स्पष्ट नहीं कह सकते, कम से कम संकेतों के अनुसार, इस वर्ष कैंपस में नियुक्ति संख्या में भी गिरावट हो सकती है।"
दाथी ने AI और ML जैसे एडवांस स्किल सेट्स की ओर बदलाव पर जोर दिया, जिससे अपस्किलिंग पहल की आवश्यकता हुई। जारी अनिश्चितताओं के बावजूद, ग्लोबल डेवलपमेंट सेंटर्स में अवसर मौजूद हैं, भले ही धीमी गति से। उभरते आईटी जॉब परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए प्रोएक्टिव अपस्किलिंग महत्वपूर्ण बनी हुई है।
दाथी ने पिछली पांच तिमाहियों में सर्विस कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या में लगातार कमी के साथ आईटी क्षेत्र में चल रही चुनौतियों पर रोशनी डाली। हालांकि फरवरी और मार्च में नियुक्तियों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन महत्वपूर्ण सुधार अभी तक स्पष्ट नहीं है।