भारत सरकार ने चिप-इनेबल्ड ई-पासपोर्ट शुरू किया है। जानें कैसे काम करता है, कैसे अप्लाई करें और यह पुराने पासपोर्ट से कितना अलग है।
Photo Credit: Unsplash/ Global Residence Index
भारत सरकार ने Passport Seva Programme (PSP V2.0) के तहत ई-पासपोर्ट (E-Passport) सर्विस आधिकारिक तौर पर शुरू कर दी है। नए सिस्टम का लक्ष्य पासपोर्ट प्रोसेस को ज्यादा तेज, सुरक्षित और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुरूप बनाना है। अभी आपके पास जो नियमित पासपोर्ट है, वह उसकी एक्सपायरी तक पूरी तरह वैध रहेगा, लेकिन अब से कोई भी नया पासपोर्ट चिप-इनेबल्ड ई-पासपोर्ट के रूप में ही जारी किया जाएगा, चाहे आवेदन भारत में किया गया हो या विदेश में। यदि आप भी इसके बारे में पहली बार सुन रहे हैं, तो हम यहां आपको E-Passport की सभी जानकारी दे रहे हैं, जो आपके मन से हर तरह की दुविधा को निकाल देगा!
विदेश मंत्रालय के मुताबिक ई-पासपोर्ट एक हाइब्रिड डॉक्यूमेंट है जिसमें सामान्य पेपर पासपोर्ट के साथ एक RFID चिप और एंटीना लगाया जाता है। यह चिप होल्डर की पहचान संबंधी अहम डिटेल्स को ICAO (International Civil Aviation Organization) स्टैंडर्ड के अनुसार सुरक्षित तरीके से स्टोर करती है। पासपोर्ट के डेटा पेज पर छपी जानकारी उसी रूप में चिप पर भी सेव होती है, जिससे वेरिफिकेशन तेज, सुरक्षित और छेड़छाड़-रोधी हो जाता है।
अच्छी बात यह है कि ई-पासपोर्ट के लिए प्रोसेस बिल्कुल वही है जो अभी तक सामान्य पासपोर्ट के लिए होता था। स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया इस तरह है:
सबसे पहले Passport Seva की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाएं और प्रोफाइल डिटेल्स भरें।
लॉगिन करने के बाद ई-पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें और उपलब्ध पेमेंट ऑप्शंस से निर्धारित फीस का भुगतान करें।
पेमेंट के बाद नजदीकी Passport Seva Kendra या Post Office Passport Seva Kendra में स्लॉट बुक करना होता है।
अपॉइंटमेंट की तारीख वाले दिन सेंटर पर पहुंचकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, फिंगरप्रिंट स्कैन और फोटो कैप्चर का प्रोसेस पूरा किया जाता है। इन्हीं बायोमेट्रिक डिटेल्स को आगे ई-पासपोर्ट की चिप में सुरक्षित रूप से एम्बेड किया जाता है।
डॉक्यूमेंट्स और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन क्लियर होने के बाद आपका ई-पासपोर्ट तैयार किया जाता है और पोस्ट की मदद से रजिस्टर्ड एड्रेस पर भेज दिया जाता है।
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