दुनिया भर के लगभ 50 लाख लोगों का डेटा चोरी कर बॉट मार्केट में बेचा गया है। इनमें से लगभग छह लाख भारत के लोग हैं। डेटा चोरी के लिहाज से भारत सबसे अधिक नुकसान उठाने वाले देशों में शामिल है। हैकर्स मैलवेयर के साथ लोगों का डेटा चुराने के बाद इसे बॉट मार्केट में बेच रहे हैं।
VPN सर्विस प्रोवाइडर NordVPN की एक स्टडी में पता चला है कि चुराए गए डेटा में यूजर लॉगिन, कुकीज, डिजिटल फिंगरप्रिंट्स, स्क्रीनशॉट्स और अन्य जानकारी शामिल है। एक व्यक्ति की डिजिटल डेटा का बॉट मार्केट में औसत प्राइस लगभग 490 रुपये का है। लगभग चार वर्ष पहले बॉट मार्केट्स की शुरुआत के बाद से
NordVPN की ओर से डेटा की चोरी की ट्रैकिंग की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से भारत सायबर सिक्योरिटी से जुड़ी मुश्किलों का सामना कर रहा है। पिछले महीने देश के सबसे बड़े हॉस्पिटल्स में से एक ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के सर्वर्स को हैकर्स ने नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को हैकिंग की हजारों कोशिशों से निपटना पड़ा था।
देश में सायबर सिक्योरिटी से जुड़े रूल्स को इस वर्ष की शुरुआत में कड़ा किया गया था। इन रूल्स के तहत टेक कंपनियों को डेटा की चोरी की रिपोर्ट ऐसी घटनाओं का पता चलने के छह घंटे के अंदर इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) को देनी होती है। NordVPN की स्टडी में तीन बड़े बॉट मार्केट्स की पड़ताल की गई है। इसमें गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक के एकाउंट्स से चुराए गए लॉगिन पाए गए हैं।
हाल ही में मैसेजिंग सर्विस
WhatsApp के करोड़ों यूजर्स के डेटा को हैकर्स ने चुरा लिया था। इनमें भारत अमेरिका, सऊदी अरब और मिस्र सहित 84 देशों के यूजर्स शामिल थे। हैकर्स इस डेटा को ऑनलाइन बेचने की कोशिश कर रहे हैं। इस डेटा में 84 देशों के वॉट्सऐप यूजर्स के मोबाइल नंबर शामिल हैं। एक हैकिंग कम्युनिटी फोरम पर विज्ञापन देकर 48.7 करोड़ वॉट्सऐप यूजर्स के मोबाइल नंबर्स की बिक्री का दावा किया गया है। इस जानकारी का इस्तेमाल अधिकतर फिशिंग अटैक्स में किया जाता है। इस वजह से वॉट्सऐप यूजर्स को अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल और मैसेज से बचना चाहिए।
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