पिछले कई महीनों से ऑटोमोबाइल मार्केट की तेज रफ्तार पर पिछले महीने ब्रेक लगी है। मई में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की सेल्स में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर कुछ कमी हुई है। हालांकि, व्हीकल्स की कुल सेल्स में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेगमेंट के अच्छे प्रदर्शन के कारण पिछले महीने 2.61 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के प्रेसिडेंट, Manish Raj Singhania ने बताया, "नई मॉडल्स की कमी, OEM का मार्केटिंग से जुड़ी कोशिशें न करना और कड़े मुकाबले की वजह से सेल्स पर असर पड़ा है। इसके अलावा कस्टमर्स का खरीदारी को टालना और कम इनक्वायरीज ने भी मार्केट में चुनौतियां बढ़ाई हैं।" FADA ने बताया कि उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने से भी कार शोरूम में फुटफॉल पर असर पड़ा है। लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद ऑटोमोबाइल मार्केट में तेजी आने की उम्मीद है।
मॉनसून सामान्य से बेहतर रहने के पूर्वानुमान से ग्रामीण क्षेत्रों में
डिमांड में सुधार हो सकता है। बड़े कार मेकर्स में शामिल Maruti Suzuki की पिछले महीने सेल्स दो प्रतिशत घटी है। कंपनी को उम्मीद है कि आगामी मॉनसून सीजन अच्छा रहने से उसकी सेल्स की रफ्तार में बढ़ोतरी होगी। मारूति सुजुकी के पास 2.25 लाख से अधिक यूनिट्स के ऑर्डर्स पेंडिंग हैं।
हाल ही में कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स), Partho Banerjee ने बताया कि इन पेंडिंग ऑर्डर्स में से 40,000 से अधिक हाल ही में लॉन्च की गई नई स्विफ्ट के लिए हैं। इसके अलावा लगभग 75,000 ऑर्डर्स CNG वेरिएंट्स के हैं।
कंपनी की सेल्स में CNG कारों का 32 प्रतिशत से अधिक योगदान है। इसे ब्रेजा और आर्टिगा के CNG वेरिएंट्स के लिए काफी डिमांड मिल रही है। इनके लिए वेटिंग पीरियड चार से छह सप्ताह का है। कंपनी के एरिना सेल्स आउटलेट की संख्या 3,000 पर पहुंच गई है। इसके पास 2,500 से अधिक शहरों और कस्बों में एरिना आउटलेट हैं। कंपनी ने 2017 में पहला एरिना आउटलेट खोला था। यह एरिना नेटवर्क के जरिए WagonR, Swift, Brezza, Dzire, Ertiga, Eeco, Alto K10, Celerio और S-Presso की बिक्री करती है। कंपनी ने हैचबैक Swift का नया वर्जन लॉन्च किया था। इसका शुरुआती प्राइस 6.49 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) का है। यह नौ एक्सटीरियर कलर विकल्पों, तीन डुअल-टोन और दो नए लस्चर ब्लू और नोवल ऑरेंज कलर्स में उपलब्ध है।