AI अगले पांच सालों में लाखों नौकरियां खा जाएगा- सर्वे

सर्वे में 9 देशों के कर्मचारियों को शामिल किया गया।

AI अगले पांच सालों में लाखों नौकरियां खा जाएगा- सर्वे

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव लगभग सभी तरह की नौकरियों पर पड़ने वाला है।

ख़ास बातें
  • AI का प्रभाव लगभग सभी तरह की नौकरियों पर पड़ेगा- सर्वे
  • सर्वे में 9 देशों के कर्मचारियों को शामिल किया गया।
  • Google और Microsoft जैसे टेक दिग्गजों ने अपने चैटबॉट लॉन्च कर दिए हैं।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भले ही इंसानों के काम को कई गुना आसान बना रहा है लेकिन इसका एक विपरीत असर भी लोगों की जिंदगी पर पड़ने वाला है। अगले 5 सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लाखों लोगों की नौकरी खा चुका होगा। हाल ही में एक सर्वे में इस बात का दावा किया गया है कि बड़ी टेक कंपनियां अपने वर्कफोर्स को 41% तक घटा देंगी और उसकी जगह AI से काम लिया जाएगा। और यह सब अगले पांच सालों के भीतर हो भी चुका होगा। 

स्टाफिंग फर्म Adecco Group की ओर से एक सर्वे किया गया है जो कहता है कि ऑटोमेशन, यानी खुद से काम करने, की एक बड़ी लहर आ रही है। दुनियाभर में बड़ी कंपनियां अगले पांच सालों में अपने कर्मचारियों को बड़ी संख्या में हटाने जा रही हैं। AI का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। यह एक ऐसी तकनीकी है जो रियलिस्टिक टेक्स्ट, इमेज और वीडियो क्रिएट कर सकती है। बहुत से लोगों के लिए यह बार-बार दोहराए जाने वाले रोजमर्रा के काम से निजात पाने का एक साधन बन चुका है, जबकि बहुत से लोगों के लिए यह नौकरियों पर मंडराने वाला बड़ा खतरा बन चुका है। 

Adecco के सीईओ Denis Machuel ने Reuters को दिए एक बयान में कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव लगभग सभी तरह की नौकरियों पर पड़ने वाला है। चाहे यह प्रत्यक्ष रूप से हो, या फिर अप्रत्यक्ष रुप से। AI एक जॉब क्रिएटर भी है और जॉब किलर भी! उन्होंने आगे कहा कि लगभग एक दशक पहले लोगों को ऐसा ही एक डर डिजिटल टेक्नोलॉजी के आने से सता रहा था। लेकिन डिजिटल ने बहुत सारी जॉब्स बनाईं भी थीं। उनका मानना है कि AI के साथ भी ऐसा ही हो सकता है, अगर नौकरियां जाएंगी, तो नौकरियां पैदा भी होंगी, लेकिन एक संतुलन बना रहेगा। 

सर्वे में 9 देशों के कर्मचारियों को शामिल किया गया। ये कर्मचारी 18 तरह की इंडस्ट्रीज से संबंध रखते हैं। इनमें व्हाइट कॉलर के साथ ही ब्लू कॉलर जॉब वाले कर्मचारी भी शामिल थे। World Economic Forum ने इससे पहले एक पॉल कंडक्ट किया था जिसमें आधी कंपनियों ने कहा था कि AI के आने से नई जॉब पैदा होंगी। जबकि आधी कंपनियों ने जॉब जाने की बात कही थी। 

टेक कंपनियों में लगातार सामने आ रही छंटनियां इस डर को और ज्यादा बल दे रही हैं। Google और Microsoft जैसे टेक दिग्गजों ने अपने चैटबॉट लॉन्च कर दिए हैं। जो कि रातोंरात पॉपुलर भी हो चुके हैं और यूजर्स धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। सिर्फ टेक कंपनियां ही नहीं, अब नॉन टेक फर्म भी AI लाकर कर्मचारियों को कम करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं जिनमें Dropbox और Duolingo का नाम भी आता है। 
 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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