लैपटॉप ने हमारे काम करने, पढ़ाई करने और एक दूसरे से जुड़े रहने के साथ गेमिंग से लेकर एंटरटेनमेंट के के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है।
लैपटॉप का सही उपयोग कैसे करना चाहिए।
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लैपटॉप ने हमारे काम करने, पढ़ाई करने और एक दूसरे से जुड़े रहने के साथ गेमिंग से लेकर एंटरटेनमेंट के के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। डेस्कटॉप के मुकाबले में लैपटॉप काफी ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं। मगर आप लैपटॉप को कैसे इस्तेमाल करते हैं इससे बहुत ज्यादा असर आपकी हेल्थ पर पड़ सकता है। अगर आप लंबे समय तक लैपटॉप को अपनी गोद में रखकर उपयोग करते हैं तो इससे निकलने वाली हीट और इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी (EMF) रेडिएशन आपकी हेल्थ पर गहरा असर डाल सकती है। आपको तुरंत ये प्रभाव नजर नहीं आएंगे, लेकिन धीरे-धीरे इससे आपका पोस्चर, स्किन, नींद और प्रजनन अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में आपको लैपटॉप का उपयोग करते हुए थोड़ी दूरी बनाए रखा उचित है।
पोस्चर का खराब होना
अगर लैपटॉप को गोद में रखकर लंबे समय तक उपयोग किया जाता है तो इससे पोस्चर बिगड़ जाता है। अधिकतर टाइप करते या स्क्रीन देखते हुए झुककर बैठते हैं, जिससे गर्दन, कंधों और रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ता है। समय के साथ इससे अकड़न और पीठ दर्द की दिक्कतें भी हो सकती हैं। जब स्क्रीन को बहुत नीचे रखा जाता है जो कि गोद में रखने पर होता है तो गर्दन आगे की ओर एक तीखे कोण पर झुक जाती है। इससे मांसपेशियों में थकान और तनाव बढ़ जाता है। बचाव के लिए लैपटॉप को डेस्क पर रखकर उपयोग करना उचित है। इसके अलावा अलग से कीबोर्ड लगाकर स्क्रीन को ऊपर रखकर उपयोग करने से पोस्चर में सुधार हो सकता है।
प्रजनन अंगों को नुकसान
अगर आपको लैपटॉप को गोद में रख कर उपयोग करना आरामदायक लगता है तो इससे आपके आपके प्रजनन तंत्र को नुकसान हो सकता है। लैपटॉप से निकलने वाली हीट और EMF रेडिएशन से सीधे असर होता है। स्टडी से पता चला है कि वायरलेस कनेक्टेड लैपटॉप लो-लेवल माइक्रोवेव रेडिएशन पैदा करते हैं जो पुरुषों में शुक्राणुओं के हेल्थ और डीएनए संरचना को प्रभावित कर सकते हैं। फर्टिलिटी एंड स्टरिलिटी मैगजीन में पब्लिश एक स्टडी में कहा गया कि वाई-फाई रेडिएशन शुक्राणुओं की गतिशीलता को कम कर देता है और सैंपल में DNA नुकसान को बढ़ाता है। ऐसे में लैपटॉप को स्किन से दूर रखकर उपयोग करना ज्यादा सेफ रहता है।
स्किन को नुकसान
लंबे समय तक लैपटॉप को अपनी गोद में रखकर उपयोग करने से हल्की जलन और हीट से संबंधित स्थिति जैसे कि एरिथेमा एब इग्ने (टोस्टेड स्किन सिंड्रोम) हो सकता है। इससे जांघों पर लाल निशान या धब्बे आ जाते हैं। यह लैपटॉप की निचली सतह से निकलने वाली हीट से होता है। लंबे समय तक लैपटॉप को सीधे स्किन के संपर्क में रखने से नुकसान होते हैं। ऐसे में कूलिंग पैड, लैपटॉप स्टैंड या डेस्क का इस्तेमाल करने से हीट से बचाव और आपकी स्किन को नुकसान से बचाने में मदद मिल सकती है।
कैंसर का खतरा बढ़ने की संभावना
अगर आप सीधे स्किन के संपर्क में लैपटॉप का उपयोग करते हैं तो इससे हीट जमा हो सकती है जो कि स्किन सेल्स को नुकसान पहुंचा सकती है। लगातार हीट और रेडिएशन के संपर्क में रहने से स्किन में सूजन या रंग खराब हो सकता है, जिसे कभी-कभी टोस्टेड स्किन सिंड्रोम कहा जाता है। लंबे समय में यह स्किन सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है और स्थितियां गंभीर हो सकती हैं। लैपटॉप को गोद में रखने पर प्रजनन अंगों पर असर हो सकता है। ऐसे में चिंता बढ़ रही है कि लंबे समय तक रेडिएशन और हीट के संपर्क में रहने से कुछ कैंसर जैसे कि अंडकोष या अंडाशय को प्रभावित करने वाले कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में लैपटॉप को खुद से दूर रखकर उपयोग करना ज्यादा सुरक्षित रहता है।
नींद प्रभावित होना
लैपटॉप डिस्प्ले से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन प्रोडक्शन में रुकावट डालती है। यह हार्मोन आपके स्लीप साइकल को कंट्रोल करने में मदद करता है। मेलाटोनिन के लेवल में कमी से नींद आने में मुश्किल होती है और स्लीप की क्वालिटी कम हो सकती है, जिससे आप अगले दिन थका हुआ महसूस कर सकते हैं। इससे ध्यान में कमी भी देख सकते हैं। अच्छी नींद के लिए सोने से कम से 1-2 घंटे पहले लैपटॉप का उपयोग बंद कर देना चाहिए।
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