अमेरिका में कीमतों में कटौती के बाद, Tesla ने चीन और जर्मनी सहित अपने कई मुख्य मार्केट में भी टेस्टा इलेक्ट्रिक कारों को सस्ता कर दिया है। कहा जा रहा है कि कीमतों में अचानक ये कटौती गिरती बिक्री और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए चल रहे प्राइस वॉर, विशेष रूप से चीनी बाजार में, के चलते हुई है। एलन मस्क (Elon Musk) के स्वामित्व वाली कंपनी ने पिछले साल अपनी कमाई के हिस्से में कटौती करते हुए EVs की कीमतों को कम कर मार्केट में इस प्राइस वॉर को शुरू किया था। इसके अलावा, बता दें कि मस्क ने पिछले सोमवार को कहा था कि Tesla अपने ग्लोबल वर्कफोर्सके 10% से अधिक की छंटनी करेगा क्योंकि ऑटोमेकर डिलीवरी में अपनी पहली वार्षिक गिरावट से जूझ रहा है।
रॉयटर्स की
रिपोर्ट के मुताबिक, Tesla ने चीन, जर्मनी सहित कई बड़े बाजारों में अपने EVs की कीमतों में कटौती की है। टेस्ला ने चीन में Model 3 की शुरुआती कीमत को 14,000 युआन (करीब 1.64 लाख रुपये) से घटाकर 231,900 युआन (करीब 27.24 लाख रुपये) कर दिया है। वहीं, जर्मनी में, Model 3 रियर-व्हील-ड्राइव (RWD) वेरिएंट की कीमत 42,990 यूरो (करीब 38.12 लाख रुपये) से घटाकर 40,990 यूरो (करीब 36.35 लाख रुपये) कर दी गई है।
रिपोर्ट आगे बताती है कि Tesla Mode Y, Model X और Model S इलेक्ट्रिक कारों को अमेरिका में 2,000 डॉलर (करीब 1.66 लाख रुपये) सस्ता कर दिया गया है। वहीं, बीते शनिवार को टेस्ला ने अमेरिका में अपने फुल सेल्फ-ड्राइविंग ड्राइवर असिस्टेंट सॉफ्टवेयर की कीमत 12,000 डॉलर से घटाकर 8,000 डॉलर कर दी।
कीमतों में कटौती कथित तौर पर तब हुई जब टेस्ला ने इस महीने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि पहली तिमाही में उसकी ग्लोबल व्हीकल डिलीवरी लगभग चार वर्षों में पहली बार गिर गई है।
टेस्ला के प्रवक्ता ने रॉयटर्स से कहा कि कीमतों में कटौती अमेरिकी, चीन और यूरोप के साथ-साथ मध्य पूर्व और अफ्रीका के कई अन्य देशों में भी की गई है।
इससे अलग बता दें कि टेस्ला चीफ मस्क ने भारत का अपना
दौरा भी टाल दिया है। इस विजिट में उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मीटिंग होनी थी। भारत में बिजनेस शुरू करने की घोषणा के लिए मस्क का 21 अप्रैल को आने का कार्यक्रम था। पिछले वर्ष जून में प्रधानमंत्री मोदी और मस्क की अमेरिका के न्यूयॉर्क में मीटिंग हुई थी। टेस्ला ने देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इम्पोर्ट टैक्स लगाने के लिए लॉबीइंग की थी। पिछले महीने केंद्र सरकार ने नई EV पॉलिसी की घोषणा की थी जिसमें किसी
ऑटोमोबाइल कंपनी के कम से कम 50 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करने पर कुछ मॉडल्स पर इम्पोर्ट टैक्स को 100 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया है। हालांकि, देश की ऑटोमोबाइल कंपनियां इस छूट का कड़ा विरोध कर रही थी।