पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मेकर ओला इलेक्ट्रिक के लिए मुश्किलें बढ़ी हैं। फरवरी में कंपनी की सेल्स के डेटा में कथित तौर पर गड़बड़ी की मार्केट रेगुलेटर, सिक्योरिटीज एंड एक्सजेंच बोर्ड (SEBI) की ओर से जांच की जा रही है। ओला इलेक्ट्रिक की ओर से बताई गई सेल्स और वाहन पोर्टल पर कंपनी के व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन के डेटा में बड़ा अंतर था।
एक मीडिया
रिपोर्ट में बताया गया है कि फरवरी की सेल्स के डेटा को लेकर
Ola Electric की ओर से दिए गए स्पष्टीकऱण की भी SEBI जांच कर रहा है। कंपनी ने बताया था कि फरवरी में उसकी बिक्री लगभग 25,000 व्हीकल्स की थी। हालांकि, वाहन पोर्टल पर कंपनी के व्हीकल्स के लगभग 8,600 रजिस्ट्रेशंस ही दिख रहे थे। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा था कि यह रजिस्ट्रेशन के अस्थायी तौर पर लंबित होने का मामला है। कंपनी ने व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस संभालने वाले दो वेंडर्स के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया था। यह कदम कॉस्ट में कमी के लिए उठाया गया था।
हेवी इंडस्ट्रीज और रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्रीज ने भी फरवरी में कंपनी के व्हीकल्स की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों का मिलान नहीं होने पर जानकारी मांगी थी। इसके अलावा ट्रेड सर्टिफिकेट्स को लेकर गड़बड़ी के कारण महाराष्ट्र में कंपनी के स्टोर्स की राज्य सरकार स्क्रूटनी कर रही है। ओला इलेक्ट्रिक के राज्य में 146 स्टोर्स का इंस्पेक्शन किया गया था। इनमें से लगभग 121 स्टोर्स बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के चलाए जा रहे थे। इन स्टोर्स में से 75 को राज्य सरकार की ओर से बंद कर दिया गया है। NDTV Profit ने महाराष्ट्र के ज्वाइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के हवाले से बताया था, "ऐसे स्टोर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और वास्तविक ट्रेड सर्टिफिकेट को रद्द करना चाहिए।"
हालांकि, इस बारे में ओला इलेक्ट्रिक के प्रतिनिधि ने कहा था, "महाराष्ट्र में हमारे स्टोर्स को लेकर आपके दावे गलत और भ्रामक हैं। हम किन्हीं प्रश्नों या आशंकाओं का समाधान करने के लिए राज्य में संबंधित अथॉरिटीज के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।" इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक को राज्य में उसके कुछ स्टोर्स के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने पर नोटिस दिया था। कंपनी के महाराष्ट्र में कई स्टोर्स पर मार्च में ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने छापे मारे थे।