भारत ने बुधवार को ओडिशा तट से हवा से सतह पर मार करने वाली ‘रुद्रम' मिसाइल का सफल परीक्षण किया। मिसाइल को सुखोई-30 लड़ाकू विमान से टेस्ट किया गया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रुद्रम-II मिसाइल (RudraM-II Missile) के उड़ान परीक्षण ने सभी मकसदों को पूरा कर लिया है। मिसाइल को भारत ने ही डेवलप किया है और ठोस प्रणोदक वायु-प्रक्षेपित मिसाइल (Solid propellant air-launched) सिस्टम है, जोकि दुश्मन के अलग-अलग टार्गेट्स को बर्बाद कर सकता है। RudraM-II मिसाइल की और क्या खूबियां हैं? कैसे यह बाकी देशों को चौंका सकता है? आइए जानते हैं।
What is RudraM-II Missile
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रुद्रम-2 मिसाइल को डिजाइन किया है डीआरडीओ ने। इसका निर्माण किया है भारत डायनैमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने। मिसाइल की रेंज 300 किलोमीटर तक है यानी पाकिस्तान और चीन इसकी जद में आ जाते हैं। यह 3 से 15 किलोमीटर की हाइट तक जा सकती है और साउंड की स्पीड से पांच गुना तेज दौड़ती है।
दावा है कि अगर यह अपने टार्गेट से 5 मीटर दूर भी गिरे, तब भी उसे पूरी तरह बर्बाद कर सकती है। रुद्रम-2 अपने साथ करीब 155 किलो का हथियार लेकर उड़ सकती है। मिसाइल की लंबाई 18 फीट है।
पीटीआई के अनुसार, डीआरडीओ ने 29 मई की सुबह लगभग साढ़े 11 बजे ओडिशा के तट पर भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमके-I प्लेटफॉर्म से हवा से सतह पर मार करने वाली रुद्रम-II मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रुद्रम-II के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि सफल टेस्ट ने सशस्त्र बलों के लिए रुद्रम-II सिस्टम की भूमिका को और मजबूत कर दिया है।
सुखोई से इस मिसाइल को टेस्ट किया जा चुका है और मिग-29, मिराज जैसे विमानों में भी यह तैनात हो सकती है। योजना यह है कि मिसाइल को अन्य फाइटर एयरक्राफ्ट में भी तैयार किया जा सके। क्याेंकि यह बहुत कम ऊंचाई पर उड़ती है इसलिए रडार सिस्टम या एयर डिफेंस सिस्टम की पकड़ में नहीं आती।
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