भारत सरकार कथित तौर पर जीएसटी परिषद (GST Council) को उन कंपनियों पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव देगी, जो क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स की माइनिंग के लिए माइनर्स को प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं, और जो खरीद में एक्सचेंज के जरिए वर्चुअल डिज़िटल एसेट का उपयोग करते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में बाताया गया है कि वर्तमान में सेंट्रोल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) इस मामले की जांच कर रहा है।
Business Standard को दिए एक बयान (via
A2Z Tax Corp LLP) में CBIC के अध्यक्ष विवेक जौहरी (Vivek Johri) ने बताया कि इन कंपनियों पर 18% टैक्स लगाने का प्रस्ताव हो सकता है। उन्होंने कहा ये सभी संस्थाएं ठीक उसी रेट पर जीएसटी का भुगतान करेंगी, जिस तरह क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज्स उनके द्वारा अर्जित कमीशन पर 18 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करेंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, जौहरी ने कहा है कि CBIC एक महीने के भीतर अपना आंतरिक मूल्यांकन पूरा कर लेगा, फिर इसे जीएसटी लॉ कमीटी और बाद में काउंसिल में पेश किया जाएगा, जहां इसके ऊपर आखिरी फैसला लिया जाएगा।
जॉहरी ने अपने बयान में कहा "अगर मैं क्रिप्टो एसेट की सप्लाई या खरीद कर रहा हूं या क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करके माइनिंग कर रहा हूं या गुड्स या सर्विस की पेमेंट के लिए इसे एक्सचेंज के रूप में इस्तेमाल कर रहा हूं, तो जीएसटी के तहत इसे कैसे रखा जाएगा? इसके लिए कुछ और विचार-विमर्श और जांच की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि इसका हल एक महीने में निकाल लिया जाएगा।"
Business Standard के पूछे जाने पर कि ऐसी सर्विस और ट्रांजेक्शन पर क्या रेट लागू हो सकता है, CBIC के अध्यक्ष ने कहा “यह थोड़ा काल्पनिक है। लेकिन अगर यह एक सर्विस है, अगर इन लेनदेन को आईटी सर्विस के प्रावधान के रूप में माना जाता है, तो सामान्य टैक्स ब्रैकेट 18 प्रतिशत है।"
रिपोर्ट कहती है कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक की तारीख की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यह मार्च में हो सकती है।