क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया में बिटकॉइन (Bitcoin) की बादशाहत कायम है। यही वजह है कि आए दिन लोग बिटकॉइन माइनिंग में शामिल हो रहे हैं। गौरतलब है कि बिटकॉइन माइनिंग में बहुत अधिक बिजली की खपत होती है। बिटकॉइन माइनिंग में हो रही बिजली खपत को कम करने के लिए जॉर्जिया के एक शहर ने सख्त फैसला लिया है। खबरें हैं कि जॉर्जिया के सवेनेती शहर के लोगों को क्रिप्टो माइनिंग में शामिल होने रोकने के लिए पवित्र शपथ लेने के लिए कहा गया है।
CoinTelegraph की एक
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी ने सवेनेती रीजन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाला है, जो काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है। ऐसे में कमाई जारी रखने के लिए यहां के सैकड़ों लोग क्रिप्टो माइनिंग कर रहे हैं। इसकी वजह से क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
बिटकॉइन टोकन के निर्माण में एडवांस कंप्यूटरों पर एल्गोरिदम को सॉल्व करने का कठिन काम करना होता है। इन मशीनों को हर समय प्लग-इन करने की जरूरत होती है। ये मशीनें काफी बिजली की खपत करती हैं। इससे इलाके में बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ता है। न्यूज आउटलेट Sputnik Georgia द्वारा
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क्लिप में लोगों को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के खिलाफ सेंट जॉर्ज की पवित्र शपथ लेते हुए देखा जा सकता है।
ज्यादा बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर शहर में विरोध-प्रदर्शन शुरू होने के बाद यह कदम उठाया गया है।
Cryptocurrency.net के
अनुसार, सवेनेती में सप्लाई होने वाली सस्ती बिजली ने क्रिप्टो माइनर्स को आकर्षित किया है। इस पहाड़ी इलाके में बिजनेसेज को प्रोत्साहित करने के लिए सस्ती बिजली दी जाती है। लेकिन क्रिप्टो माइनिंग की वजह से यहां बिजली की आपूर्ति पर काफी असर पड़ा है।
पिछले साल एक रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2018 के बीच चार प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग से 13 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड निकली है। हाल के दिनों में कई अन्य देशों ने भी क्रिप्टो माइनिंग में खर्च हो रही बेतहाशा बिजली को बचाने के लिए उपाय लागू किए हैं।
इसी साल की शुरुआत में कोसोवो ने देश में कुल 300 क्रिप्टो माइनिंग मशीनों को जब्त किया था। इन मशीनों को लोगों के घरों, गैरेज और बालकनियों में फिट करके क्रिप्टो माइनिंग की जा रही थी। कोसोवो ने 5 जनवरी को क्रिप्टो माइनिंग पर बैन लगा दिया था।