Solana नेटवर्क से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी दुनिया के टॉप 10 सबसे बड़े वर्चुअल कॉइन्स में सातवें पायदान पर पहुंच गई है। इसके साथ इससे उम्मीद की जा रही है कि यह ब्लॉकचेन इथेरियम को एक लम्बे समय तक टक्कर दे सकती है।CoinGecko के अनुसार Solana का SOL टोकन लगभग तीन सप्ताह में तीन गुना हो गया है और अब इसकी मार्केट वैल्यू 41 बिलियन डॉलर (लगभग 2,99,640 करोड़ रुपये) से अधिक है। इसके सपोर्टर्स का कहना है कि Defi और डिजिटल कलेक्टिबल्स में जहां इथेरियम हावी है वहां सोलाना ट्रांजेक्शन में कम लागत है और इसकी स्पीड भी अधिक है।
Nexo के को-फाउंडर एंटोनी ट्रेंचेव ने एक ईमेल में लिखा है कि सोलाना के पास एक बढ़ता हुआ ईकोसिस्टम है, इस पर प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं। साथ ही NFT में हो रहे उछाल से इसे बहुत फायदा हुआ है। NFT ऐसे टोकन हैं जिनको किसी दूसरे से बदला नहीं जा सकता है और जिनका उपयोग डिजिटल कलेक्टीबल्स के ट्रेड के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एक्सचेंज FTX के चीफ एक्जिक्यूटिव सैम बैंकमैन-फ्राइड का सपोर्ट भी इसमें मदद कर रहा है।
Solana ने खुद को दुनिया की सबसे तेज ब्लॉकचेन के रूप में पेश किया है और इसकी वेबसाइट का कहना है कि प्रति ट्रांजेक्शन इसकी औसत लागत 0.00025 डॉलर (लगभग 0.018 रु) है। जून में इसने घोषणा की कि इसने बैंकमैन-फ्राइड्स अल्मेडा रिसर्च, वेंचर कैपिटल फर्म आंद्रेसेन होरोविट्ज़, पॉलीचैन कैपिटल और CoinShare सहित निवेशकों के साथ एक फंडिंग राउंड में 314 मिलियन डॉलर (लगभग 2,290 करोड़ रुपये) जुटाए हैं।
विकल्प के तौर पर मौजूद कॉइन जैसे सोलाना के SOL, कार्डानो के ADA और Binance Coin जैसे कॉइन हाल के हफ्तों में बढ़े हैं। Bitcoin और Ether जैसे टॉप कॉइन के रहते हुए भी इन्होंने बढोत्तरी दर्ज की है और निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।