पिछले कुछ सप्ताह की गिरावट के बाद क्रिप्टो मार्केट में सोमवार को तेजी थी। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस सोमवार को तीन प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। इस मार्केट में सेंटीमेंट बुलिश है। इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance पर बिटकॉइन के लिए 60 प्रतिशत से अधिक फ्यूचर्स ट्रेडर्स की लॉन्ग पोजिशंस हैं। इससे बिटकॉइन में ब्रेकआउट की संभावना दिख रही है।
इस रिपोर्ट को पब्लिश किए जाने पर क्रिप्टो एक्सचेंज
Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 3.52 प्रतिशत की तेजी के साथ लगभग 87,310 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 3.60 प्रतिशत का प्रॉफिट था। Ether का प्राइस 2,090 डॉलर से कुछ अधिक पर ट्रेड कर रहा था। इसके अलावा Avalanche, Cronos, Solana, Monero, Polygon, BNB, Iota, Ripple और Elrond के प्राइस बढ़े हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.32 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.84 लाख करोड़ डॉलर पर था।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि
बिटकॉइन का प्राइस 86,000 डॉलर से नीचे बना हुआ है। हालांकि, यह 81,000 डॉलर से अधिक के प्राइस को होल्ड कर रहा है। पिछले तीन महीनों से Ether में गिरावट है। हालांकि, बड़े इनवेस्टर्स ने Ether की खरीदारी बढ़ाई है। मैक्रो इकोनॉमिक आशंकाओं का क्रिप्टो मार्केट पर असर पड़ रहा है।
हाल ही में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में क्रिप्टो समिट का आयोजन किया था। इसमें सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की क्रिप्टो टास्क फोर्स को क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े रेगुलेशंस बनाने का निर्देश दिया गया था। इस क्रिप्टो समिट में ट्रंप ने ने कहा था कि पूर्व की Biden सरकार का बड़ी संख्या में Bitcoin को बेचने का फैसला "बेवकूफी" वाला था। उनका कहना था कि इस सेगमेंट के खिलाफ ब्यूरोक्रेसी की लड़ाई को बंद किया जाएगा। ट्रंप ने बताया था, "पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी सरकार ने बेवकूफी वाले तरीके से हजारों बिटकॉइन को बेचा है जिनकी वैल्यू अरबों डॉलर की थी। यह बाइडेन सरकार के दौरान हुआ था।" इससे पहले ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसीज का रिजर्व बनाने की भी घोषणा की थी। हालांकि, इससे क्रिप्टो मार्केट असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इस रिजर्व के लिए बिटकॉइन की खरीदारी नहीं की जाएगी। इसमें अमेरिकी सरकार की ओर से जब्त किए गए बिटकॉइन शामिल होंगे।