मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में मंगलवार को 0.82 प्रतिशत की तेजी थी। इसका प्राइस 42,802 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। पिछले एक दिन में इसका 344 डॉलर बढ़ा है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन के लिए लॉन्ग और शॉर्ट रेशो से विशेषतौर पर फ्यूचर्स मार्केट के इनवेस्टर्स के लिए पॉजिटिव सेंटीमेंट का संकेत मिल रहा है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether में 0.91 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। इसका प्राइस लगभग 2,312 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में इसका प्राइस लगभग 22 डॉलर बढ़ा है। इसके अलावा Ripple, USD Coin, Chainlink, Tron, Wrapped Bitcoin और Litecoin में तेजी थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.25 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.64 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, "Grayscale के 1,41,000 बिटकॉइन की बिक्री करने से बना प्रेशर ETF के जरिए लगभग 1,75,000 बिटकॉइन की खरीदारी से कम हुआ है। स्पॉट बिटकॉइन ETF की कुल वॉल्यूम 30 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई है। इससे अधिक डिमांड का पता चल रहा है। पिछले कुछ सप्ताह से बिटकॉइन 44,000 डॉलर के लेवल को तोड़ने की कोशिश में है लेकिन कम ट्रेडिंग वॉल्यूम इसमें रुकावट बन रही है।" भारत में इस सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने क्रिप्टो सेगमेंट का कोई जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हैं।
क्रिप्टो इंडस्ट्री को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले बजट में इस सेगमेंट के लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। लगभग डेढ़ वर्ष पहले सरकार ने प्रत्येक
क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया था। क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े स्टेकहोल्डर्स का कहना है कि इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज में कमी हुई है। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है।