मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में मंगलवार को 2.73 प्रतिशत की तेजी थी। इसका प्राइस लगभग 43,495 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में इसमें लगभग 1,320 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। यह एक सप्ताह में पहली बार है कि जब बिटकॉइन का प्राइस 43,000 डॉलर से अधिक हुआ है। क्रिप्टो मार्केट में बिटकॉइन की हिस्सेदारी बढ़ रही है और इससे अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए चुनौती बढ़ सकती है। बिटकॉइन की मौजूदा हिस्सेदारी 51.2 प्रतिशत की है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether का प्राइस 1.74 प्रतिशत बढ़ा है। यह लगभग 2,310 डॉलर पर था। Avalanche, Solana, Ripple, Cardano, Polkadot, Chainlink और Polygon में भी तेजी थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.30 प्रतिशत बढ़कर 1.67 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, "पिछले कुछ दिनों की गिरावट के बाद क्रिप्टो मार्केट में तेजी आई है। इसका कारण Google की गाइडलाइंस में बदलाव हो सकता है। अमेरिका में BlackRock, VanEck और Franklin Templeton जैसी कंपनियों को बिटकॉइन ETF के विज्ञापन देने की अनुमति मिल गई है।" इस सेगमेंट को लेकर कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने चेतावनी भी दी है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी दोहराई थी। RBI का कहना था कि कुछ देशों में इस सेगमेंट को स्वीकृति मिलने के बावजूद उसकी पोजिशन में इसे लेकर बदलाव नहीं हुआ है।
अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC के
बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति देने से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा था, "क्रिप्टोकरेंसीज पर चाहे कोई कुछ भी करे लेकिन RBI और मेरी पोजिशन नहीं बदली है। इमर्जिंग मार्केट्स की इकोनॉमी के लिए यह एक बड़ा खतरा है और इस पर आगे जाकर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होगा।" दास का कहना था कि क्रिप्टोकरेंसीज के साथ कोई वैल्यू नहीं जोड़ी और इससे मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्थिरता को खतरा हो सकता है। RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में कुछ वर्ष पहले एक सर्कुलर जारी कर उसके रेगुलेशंस के तहत आने वाली एंटिटीज पर ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में डील करने को लेकर रोक लगाई थी। हालांकि, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने RBI का यह सर्कुलर खारिज कर दिया था।