Bitcoin या Ethereum जैसी क्रिप्टोकरंसीज को देश में कभी कानूनी दर्जा नहीं मिलेगा। फाइनेंस सेक्रेटरी टी वी सोमनाथन ने बतायाकि केवल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी डिजिटल रुपया कानूनी दर्जा हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स की वैल्यू दो लोगों के बीच तय होती है। आप गोल्ड, डायमंड और क्रिप्टो एसेट्स को खरीद सकते हैं लेकिन उस वैल्यू को सरकार की ओर से स्वीकृति नहीं होगी।
सोमनाथन ने ANI से कहा, "डिजिटल रुपये के पीछे RBI की ताकत होगी जो कभी डिफॉल्ट नहीं करेगा। RBI का धन होगा लेकिन यह डिजिटल प्रकार का होगा। RBI की ओर से जारी डिजिटल रुपये के पास कानूनी दर्जा होगा। डिजिटल रुपये के साथ हम नॉन-डिजिटल एसेट्स खरीद सकेंगे, जैसे हम अपने वॉलेट या UPI प्लेटफॉर्म के जरिए पेमेंट्स से चीजों को खरीदते हैं।" उन्होंने बताया कि
Bitcoin, Ethereum या किसी एक्टर की पिक्चर से जुड़ा NFT को कभी कानूनी स्वीकृति नहीं मिलेगी। इस रिपोर्ट को प्रकाशित करते समय देश में बिटकॉइन का प्राइस 30.84 लाख रुपये और Ethereum का 2.24 लाख रुपये था।
उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरंसीज में इनवेस्टमेंट करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इन्हें सरकार की ओर से स्वीकृति नहीं मिली है। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि यह इनवेस्टमेंट सफल होगा या नहीं। इसमें नुकसान हो सकता है और सरकार इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, इसके साथ ही सोमनाथन ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि वे गैर कानूनी हैं। सोमनाथन ने कहा, "Bitcoin या
Ethereum गैर कानूनी नहीं हैं। मैं यह कह सकता हूं कि अगर क्रिप्टोकरंसी के लिए रेगुलेशन आता है तो भी इसे कानूनी दर्जा नहीं मिलेगा।"
सोमनाथन ने बताया कि रेगुलेशन में KYC, सेलर का लाइसेंस जैसे नियम हो सकते हैं। इसके बारे में सरकार बाद में फैसला करेगी। यह भी देखा जाएगा कि अन्य देशों में क्या हो रहा है। डिजिटल रुपये के बारे में उनका कहना था कि यह Bitcoin या Ethereum की तरह नहीं होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल रुपये के जरिए Paytm, UPI जैसे डिजिटल वॉलेट्स की तरह ट्रांजैक्शन की जा सकेंगी। डिजिटल रुपये को कानूनी दर्जा मिलेगा और यह कैश पेमेंट के समान होगा।