बिटकॉइन (Bitcoin) और Ether ने पिछले साल नवंबर में ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंचकर नए रिकॉर्ड बनाए थे। लेकिन ऐसा लगता है कि उसके बाद से चीजें बिगड़ती जा रही हैं। अमेरिका में ब्याज दरों में दिख रही संभावनाओं की वजह से बिटकॉइन समेत ज्यादातर प्रमुख altcoin बिक रही हैं। CoinMarketCap के आंकड़ों के अनुसार, बिटकॉइन का मौजूदा मार्केट कैप 665 बिलियन डॉलर (लगभग 50 लाख 56 हजार करोड़ रुपये) है, जो नवंबर 2021 में लगभग 1.3 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 100 लाख करोड़ रुपये) से कम है। वहीं, व्यापक क्रिप्टो मार्केट ने इसी अवधि के दौरान 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 70 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान किया है। बिटकॉइन भी 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बाद अगस्त के बाद से अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है।
ब्लूमबर्ग ने वेल्थ मैनेजमेंट फर्म बेस्पोक इन्वेस्टमेंट ग्रुप के हवाले से
बताया है कि बिटकॉइन और एग्रीगेट मार्केट दोनों में बड़ी गिरावट आई है।
निवेशक, US फेडरल रिजर्व से उम्मीद लगा रहे हैं कि वह मुद्रास्फीति से निपटने के लिए के आगे बढ़ेगा। हाल में यह खबर आई कि फेडरल रिजर्व भी अमेरिकी डिजिटल करेंसी को संभावित रूप से लॉन्च करने की दिशा में कदम उठाता है। इसके बाद से क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें और गिरी हैं।
ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स ने भी इस हफ्ते बीते एक साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की है।
दूसरी ओर, रूस के सेंट्रल बैंक द्वारा सभी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग और माइनिंग पर बैन लगाने वाले प्रस्तावों की घोषणा के एक दिन बाद डिजिटल असेट्स में तेज बिकवाली देखी गई। रूस दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो माइनिंग सेंटर्स में से एक है। लेकिन प्रस्तावित नियम कहते हैं कि देश के बैंक भी क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट और एक्सचेंज का काम नहीं कर पाएंगे।
अपनी 36 पेज की रिपोर्ट में रूस के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी का तेजी से बढ़ता मूल्य सट्टेबाजी की वजह से है और सिर्फ बुलबुले बनाता है। केंद्रीय बैंक की घोषणा का शुरुआत में
बिटकॉइन पर कम असर पड़ा था। लेकिन शुक्रवार को यह पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बाद अगस्त के बाद से अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गई।
भारत में भी क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन की मांग उठ चुकी है। केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ा कानून बनाने की तैयारी की है। इससे जुड़ा विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत करने की योजना थी, लेकिन इसे टाल दिया गया है। स्वदेशी जागरण मंच जैसे कुछ संगठन क्रिप्टोकरेंसीज का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज से अवैध गतिविधियां बढ़ सकती हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसीज में ट्रेड करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।