'Twitter के मेड इन इंडिया विकल्प Koo पर यूज़र्स का डेटा खतरे में'

Twitter पर पोस्ट किए गए स्क्रीनशॉट के जरिए एक फ्रेंच हैकर ने दावा किया है कि Koo के यूज़र्स की व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित नहीं है और इसे एक्सपोज़ किया जा सकता है।

विज्ञापन
वीर अर्जुन सिंह, अपडेटेड: 11 फरवरी 2021 15:06 IST
ख़ास बातें
  • Koo को पिछले साल मार्च में लॉन्च किया गया था
  • हाल में कई मंत्रालयों और दिग्गजों द्वारा किया जा चुका है प्रोमोट
  • फ्रेंच हैकर ने दावा किया है कि Koo में यूज़र्स का निजी डेटा सुरक्षित नहीं

Koo ऐप को Google Play और App Store से डाउनलोड किया जा सकता है

Koo, भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को लेकर एक हैकर का दावा है कि प्लेटफॉर्म यूज़र्स के निजी डेटा को सुरक्षित रखने में समर्थ नहीं है। Koo को Twitter का भारतीय विकल्प बताया जा रहा है और पिछले कुछ दिनों में ऐप को सरकार के कई मंत्रालयों, नेताओं और अन्य लोकप्रिय हस्थियों ने प्रोमोट भी किया है। यह वेबसाइट और ऐप दोनों रूप में उपलब्ध है। अब, एक फ्रेंच सुरक्षा शोधकर्ता रॉबर्ट बैप्टिस्ट (ट्विटर पर Elliot Alderson नाम) का कहना है कि Koo अपने यूज़र्स के व्यक्तिगत डेटा को एक्सपोज़ कर रहा है। बैपटिस्ट ने कहा कि उन्होंने ट्विटर पर यूज़र्स के अनुरोध पर Koo पर 30 मिनट बिताए और पाया कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म अपने यूज़र्स की संवेदनशील जानकारी जैसे कि ईमेल एड्रेस, नाम और जन्मदिन के साथ-साथ कई अन्य जानकारिया एक्सपोज़ कर रहा है। उन्होंने कू (Koo) के बारे में अपनी इस शोध को विस्तार से बताने के लिए कई ट्वीट्स पोस्ट किए। भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था, लेकिन Twitter और सरकार के बीच चल रहे मतभेद के चलते पिछले कुछ दिनों में Koo को अचानक काफी लोकप्रियता हासिल हो गई है।

Twitter पर पोस्ट किए गए स्क्रीनशॉट के जरिए बैपटिस्ट ने दावा किया है कि Koo के यूज़र्स की व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित नहीं है और इसे एक्सपोज़ किया जा सकता है। हैकर ने ऐप को हैक कर यह साबित किया है कि Koo में यूज़र्स की ईमेल, जन्म तिथि, वैवाहिक स्टेटस जैसी कई निजी जानकारियों को आराम से एक्सपोज़ किया जा सकता है। कुछ अन्य स्क्रीनशॉट में, बैप्टिस्ट ने यह भी सुझाव दिया कि Koo के डोमेन को चीन में स्थित रजिस्ट्रेंट के साथ अमेरिका में रजिस्टर किया गया है।
 

मेड इन इंडिया माइक्रोब्लॉगिंग ऐप Koo को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyus Goyal) और रवि शंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) सहित कई सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रोमोट किया जा रहा है। इन्होंने हाल ही में ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए यूज़र्स को Koo में माइग्रेट होने के लिए आमंत्रित किया। India Post और MeiTY समेत कई मंत्रालयों और सरकारी कंपनियों ने भी Koo में अपने अकाउंट बना लिए हैं। बता दें कि Koo डेस्कटॉप, iOS और Android पर उपलब्ध है। इसकी एक बड़ी खासियत इसमें कई लोकल भाषाओं का सपोर्ट शामिल होना है। ऐप ने पिछले साल सरकार का डिज़िटल इंडिया AatmaNirbhar Bharat Innovate Challenge जीता था, जिसका उद्देश्य स्थानीय ऐप डेवलपर्स को प्रोत्साहित करना था। Koo को Aprameya Radhakrishna द्वारा विकसित किया गया है, जो इस प्लेटफॉर्म के सह-संस्थापक और सीईओ भी हैं।
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. बैन के बाद ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों की सरकार के साथ हुई मीटिंग
#ताज़ा ख़बरें
  1. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के मार्केट में हुआ बड़ा बदलाव, Bajaj Auto की हिस्सेदारी में 50 प्रतिशत की गिरावट 
  2. बैन के बाद ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों की सरकार के साथ हुई मीटिंग
  3. Xiaomi 16 सीरीज जल्द होगी लॉन्च, मिल सकता है नया Snapdragon 8 Elite 2 चिपसेट
  4. गाड़ी चलाते हुए सो गई लड़की, iPhone के इस फीचर ने बचाई जान, आप भी ऐसे करें एक्टिवेट
  5. Acer TravelLite Essential लैपटॉप लॉन्च: 32GB तक रैम, Intel और AMD प्रोसेसर ऑप्शन, कीमत Rs 32,999 से शुरू
  6. Poco ने इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च किया C85, MediaTek Helio G81-Ultra चिपसेट
  7. Flipkart Big Billion Days Sale 2025: विशलिस्ट बना लो! अनाउंस हुई सबसे बड़ी फेस्टिवल सेल
  8. 1 सेकंड में डाउनलोड होंगी कई मूवीज! चीन ने बनाया 6G चिप, मिलेगी 100Gbps स्पीड
  9. Honor ने लॉन्च किया X7d 5G, Snapdragon 6s Gen 3 चिपसेट
  10. Samsung Galaxy S26 Edge में हो सकती है 4,200 mAh की बैटरी, 3C सर्टिफिकेशन साइट पर हुई लिस्टिंग
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.