Android ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले डिवाइस के लिए सबसे बड़ी खतरे की घंटी वायरस या मैलवेयर होते हैं, क्योंकि इनके जरिए हैकर्स आसानी से डिवाइस का एक्सेस ले सकते हैं और यूजर्स की बैंकिंग और निजी जानकारियों के साथ-साथ कई प्रकार का डेटा हासिल कर सकते हैं। लेटेस्ट रिपोर्ट ने Android डिवाइस की सिक्योरिटी पर एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है, क्योंकि इसमें बताया गया है कि गुरिल्ला वायरस एंड्रॉयड डिवाइस को प्रभावित कर रहा है और यूजर्स का डेटा चोरी कर रहा है।
साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म Trend Micro की ओर से आई लेटेस्ट
रिपोर्ट (via
Ars Technica) के अनुसार फर्म द्वारा 50 अलग-अलग एंड्रॉयड डिवाइस मॉडल पर की गई जांच में पता चला है कि 8.9 मिलियन (89 लाख) Android डिवाइस दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर से संक्रमित हैं।
एक अन्य साइबर सिक्योरिटी फर्म, Sophos ने
पहचाने गए एप्लिकेशन को गुरिल्ला (Guerrilla) नाम दिया है। फर्म ने गुरिल्ला ऐप को बारीकी से जांचा और पाया कि ये Google Play Store में मौजूद 15 अलग-अलग ऐप्स के इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल है। निश्चित रूप से ये चिंताजनक है, क्योंकि वायरस बड़े आराम से डिवाइस का डेटा चोरी कर सकता है।
यह वायरस फोन पर एक "अपडेट नोटिफिकेशन" पुश करता है, जो दरअसल उस एप्लिकेशन के अंदर जाने का बस एक तरीका होता है। इसके बाद यह यूजर के फोन में अपडेट के बहाने हानिकारक सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करता रहता है। डाउनलोड किया गया सॉफ्टवेयर फोन की बैटरी लाइफ और परफॉर्मेंस सहित कई हिस्सों को प्रभावित करता है।
रिपोर्ट कहती है कि गुरिल्ला वायरस से संक्रमित फोन में यूजर्स को मिलने वाले विज्ञापन अक्सर फालतू होते हैं और अश्लील कंटेंट के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। वायरस ने फिलहाल अमेरिका, मैक्सिको, इंडोनेशिया, थाईलैंड और रूस में मौजूद स्मार्टफोन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।
फिलहाल दोनों ही फर्म्स की रिपोर्ट में उन मोबाइल फोन ब्रांड या ऐप्लिकेशन का नाम नहीं बताया है, जिनमें गुरिल्ला ऐप्लिकेशन मौजूद हैं।