एंड्रॉयड इंस्टेंट ऐप्स अब यूज़र के लिए गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं। यूज़र Try It Now बटन के ज़रिए इसे इस्तेमाल में ला सकते हैं। कंपनी ने गुरुवार को इस इंटिग्रेशन की पुष्टि की। इसके अलावा Google Play स्टोर में किए गए कई अपडेट का भी ऐलान किया गया।
बता दें कि एंड्रॉयड इंस्टेंट ऐप्स की मदद से यूज़र सर्च, सोशल मीडिया, मैसेजिंग और अन्य किसी लिंक के ज़रिए ही ऐप को एक्सेस कर पाएंगे। इसके लिए ऐप को इंस्टॉल करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी। अब आप इन ऐप को गूगल प्ले पर भी देख सकते हैं। इस टेक्नोलॉजी कंपनी ने कई इंस्टेंट ऐप्स की सूची भी जारी की है। लिस्ट में बज़फीड, एनवाईटाइम्स (क्रॉसवर्ड), हॉलर, रेड बुल, स्काईस्कैनर, वनफुटबॉल लाइव स्कोर जैसे ऐप शामिल हैं। यूज़र इन ऐप को डाउनलोड करने से पहले इस्तेमाल में ला सकते हैं। गौर करने वाली बात है कि ये ऐप भारत में तो उपलब्ध दिख रहे हैं। लेकिन खबर लिखे जाने तक 'ट्राई इट नाउ' वाला बटन पेज से नदारद था।
इंस्टेंट ऐप्स को सबसे पहले गूगल के आई/O 2016 डेवलपर कॉन्फ्रेंस में पेश किया गया था। गूगल ने इस दौरान बताया था कि इस फीचर के लिए पार्टनर ऐप्स को मॉड्यूल्स के साथ बनाए जाने की ज़रूरत है। इसका मतलब है कि यूज़र ऐप के किसी खास मॉड्यूल को उसके फीचर पर टैप करके एक्सेस कर सकते हैं। और ऐसा करने के लिए ऐप को डाउनलोड करने की ज़रूरत भी नहीं है। नए इंटिग्रेशन के बाद यूज़र तुरंत ही किसी भी एंड्रॉयड ऐप को चला पाएंगे और उन्हें इंस्टॉल करने की ज़रूरत नहीं है। अगस्त महीने में कंपनी ने दावा किया था कि ये दुनिया भर के 500 मिलियन से ज़्यादा डिवाइस से एक्सेस किए जा सकते हैं।
इंस्टेंट ऐप्स को प्ले स्टोर पर लाइव करने के अलावा गूगल ने प्ले स्टोर से संबंधित कुछ अहम ऐलान भी किए हैं। प्ले स्टोर में एडिटर्स च्वाइस को अपडेट कर दिया गया है और यह 17 देशों में लाइव है। गेम सेक्शन पहले की तुलना में और इंटरेक्टिव हो जाएगा। अब यहीं पर गेम के ट्रेलर और गेमप्ले के स्क्रीनशॉट दिखाए जाएंगे।
कंपनी ने गूगल प्ले सिक्योरिटी रिवार्ड प्रोग्राम को पेश किया है। इसके तहत लोकप्रिय एंड्रॉयड ऐप (गूगल के ऐप्स भी शामिल) की कमियां खोज करने की पहल की गई है।