यह ऑफर ऐसे समय में आया है जब Perplexity जनरेटिव AI मार्केट में Meta, OpenAI और अन्य दिग्गजों से मुकाबला कर रही है।
जुलाई 2025 तक Perplexity की खुद की ओवरऑल वैल्यूएशन 18 अरब डॉलर थी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Perplexity AI ने Google के पॉपुलर Chrome ब्राउजर को खरीदने के लिए 34.5 अरब डॉलर, यानी भारतीय करेंसी में 3 लाख करोड़ रुपये का अनचाहा (Unsolicited) ऑफर दिया है। यह रकम Perplexity की मौजूदा वैल्यूएशन से भी ज्यादा है, लेकिन कंपनी का कहना है कि कई इन्वेस्टर्स ने इस डील के लिए फंडिंग का भरोसा दिया है। जुलाई 2025 में Perplexity की वैल्यूएशन 18 अरब डॉलर थी, जो उससे कुछ महीने पहले तक 14 अरब डॉलर थी।
WSJ की रिपोर्ट के मुताबिक, Perplexity AI अब Google Chrome को खरीदने का इच्छुक है और उसने इस डील के लिए अपनी कुल वैल्युएशन से भी लगभग दोगुना पैसा ऑफर किया है। Google की तरफ से कथित तौर पर इस ऑफर पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। Perplexity अपने AI-पावर्ड सर्च इंजन के लिए जानी जाती है, जो यूजर्स को सीधे सिंपल जवाब देती है और साथ ही वेब के ओरिजिनल सोर्स के लिंक भी शेयर करती है। पिछले महीने कंपनी ने अपना AI-पावर्ड वेब ब्राउजर Comet लॉन्च किया था।
यह ऑफर ऐसे समय में आया है जब Perplexity जनरेटिव AI मार्केट में Meta, OpenAI और अन्य दिग्गजों से मुकाबला कर रही है। बड़े टेक कंपनियां हर साल अरबों डॉलर AI इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रही हैं, जबकि स्टार्टअप्स भी वेंचर कैपिटल, हेज फंड और टेक दिग्गजों से फंड जुटाकर टॉप इंजीनियर्स और महंगे हार्डवेयर पर खर्च कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में Meta ने भी Perplexity के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन डील फाइनल नहीं हो पाई।
Perplexity का यह कदम अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) की उस हालिया सिफारिश के बाद आया है जिसमें Google को Chrome ब्राउजर बेचने का सुझाव दिया गया था। यह सिफारिश एक एंटीट्रस्ट केस में Google के खिलाफ आए फैसले के बाद दी गई। कोर्ट ने पाया कि कंपनी इंटरनेट सर्च मार्केट में गैर-कानूनी एकाधिकार रखती है। DOJ का मानना है कि Chrome की बिक्री से सर्च इंजन मार्केट में मुकाबला बढ़ेगा और यूजर्स के लिए समान अवसर मिलेंगे।
Google ने DOJ के इस प्रस्ताव को "रेडिकल इंटरवेंशनिस्ट एजेंडा" बताते हुए खारिज किया है और कहा है कि यह "बेहद अतिरंजित" कदम है। हालांकि, कंपनी ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि एंटीट्रस्ट फैसले के बाद अपने बिजनेस मॉडल में क्या बदलाव करेगी।
Chrome को Google ने 2008 में लॉन्च किया था और यह कंपनी को यूजर डेटा प्रोवाइड करता है, जिसे टारगेटेड विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Perplexity के लिए यह पहली बार नहीं है जब उसने बड़े अधिग्रहण की कोशिश की हो। इस साल जनवरी में कंपनी ने TikTok के साथ मर्जर का भी प्रस्ताव दिया था, लेकिन वह डील भी अब तक पूरी नहीं हुई है।
Perplexity AI एक AI स्टार्टअप है जो अपने AI-पावर्ड सर्च इंजन और हाल ही में लॉन्च किए गए AI ब्राउजर "Comet" के लिए जानी जाती है।
कंपनी ने 34.5 अरब डॉलर का अनचाहा ऑफर (Unsolicited Bid) दिया है।
फिलहाल Google ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
DOJ का मानना है कि Chrome पर Google का कंट्रोल खत्म होने से इंटरनेट सर्च मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और यूजर्स को ज्यादा विकल्प मिलेंगे।
जुलाई 2025 में Perplexity AI की वैल्यूएशन 18 अरब डॉलर थी।
हां, जनवरी 2025 में Perplexity ने TikTok के साथ मर्जर का प्रस्ताव भी दिया था, जो अभी तक फाइनल नहीं हुआ।
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