OpenAI के नए मॉडल OpenAI o1 और o1 Mini लॉन्च, जवाब देने से पहले सोचता है यह AI मॉडल!

OpenAI o1 समस्या को सॉल्व करने से पहले सोचता है। यह उस सवाल को छोटे छोटे टुकड़ों में बांट देता है जिससे उसे आसानी से, और बेहतर तरीके से हल किया जा सके।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 14 सितंबर 2024 11:31 IST
ख़ास बातें
  • कंपनी ने अभी इनका प्रीव्यू जारी किया है।
  • दोनों ही मॉडल्स को इस्तेमाल करने के लिए चार्ज देना होगा।
  • खासतौर पर साइंस, कोडिंग और मैथ्स के लिए इन्हें डिजाइन किया गया है।

OpenAI ने नया AI मॉडल OpenAI o1 लॉन्च किया है जो सवाल का जवाब देने से पहले सोच सकता है।

OpenAI ने नया AI मॉडल लॉन्च किया है जो पहले आए मॉडल्स से ज्यादा सक्षम है। यह कठिन सवालों को भी सुलझा सकता है। इसे OpenAI o1 के नाम से लॉन्च किया गया है। साथ ही इसका एक छोटा वर्जन OpenAI o1 Mini भी पेश किया गया है। सबसे खास बात है कि यह सवाल का जवाब देने से पहले सोच सकता है। कंपनी ने अभी इनका प्रीव्यू जारी किया है। दोनों ही मॉडल्स को इस्तेमाल करने के लिए चार्ज देना होगा यानी ये पेड वर्जन हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में सभी खास बातें। 

OpenAI o1 और OpenAI o1 Mini नाम से नए AI मॉडल मार्केट में आ चुके हैं। OpenAI o1 सीरीज को कंपनी ने कठिन सवालों का जवाब देने के लिए डिजाइन किया है। इसकी खास बात इसकी रीजनिंग क्षमता है। यह लगातार सीखता रहता है और सवाल का जवाब देने से पहले सोचता है। दोनों ही AI मॉडल्स का प्रीव्यू अभी उपलब्ध है। दोनों मॉडल सिर्फ पेड वर्जन में इस्तेमाल किए जा सकेंगे। 

कंपनी का कहना है कि इनका इस्तेमाल कठिन रीजनिंग प्रॉब्लम सॉल्व करने से लेकर कोडिंग तक में भी किया जा सकता है। ये नए AI मॉडल साइंस, मैथ और कोडिंग के एरिया में पिछले मॉडल्स की तुलना में कहीं ज्यादा क्षमतावान हैं। 

कैसे काम करता है OpenAI o1?  
OpenAI o1 रिइन्फोर्समेंट लर्निंग का इस्तेमाल करता है। यानी यह अपने ही दिए गए जवाबों से सीखता है। यह किसी भी सवाल का जवाब देने से पहले उस पर विचार करता है। यह अपनी गलतियों को सुधार भी सकता है। कंपनी के अनुसार, जब इनका टेस्ट किया गया तो इनकी परफॉर्मेंस फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के PhD स्टूडेंट्स के बराबर रही। साथ ही मैथमेटिक्स और प्रोग्रामिंग के स्टूडेंट्स से भी ये परफॉर्मेंस में बराबरी कर पाए। 
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OpenAI o1 समस्या को सॉल्व करने से पहले सोचता है। यह उस सवाल को छोटे छोटे टुकड़ों में बांट देता है जिससे उसे आसानी से, और बेहतर तरीके से हल किया जा सके। खासतौर पर साइंस, कोडिंग और मैथ्स के लिए इन्हें डिजाइन किया गया है। इसके साथ ही इन्हें क्वांटम ऑप्टिक्स के लिए मैथमेटिक्स फॉर्मूला जेनरेट करने में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

 
 

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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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