Axiom-4 मिशन को धरती से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर मौजूद ISS पर डॉकिंग करने में लगभग 29 घंटे लगेंगे। Falcon 9 रॉकेट पर स्थित SpaceX का Dragon स्पेसक्राफ्ट शुरुआत में ISS से नीचे के एक ऑर्बिट में पहुंचेगा। ISS के साथ डॉकिंग (जुड़ना) के लिए इस स्पेसक्राफ्ट को अपने रास्ते और ऊंचाई में बदलाव करने होंगे। यह प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि ISS लगभग 28,000 km/h की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है।
अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह क्षमता रखने वाला चौथा देश बन गया है। कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। पिछले वर्ष के अंत में लॉन्च किए गए ISRO के SpaDeX मिशन के प्रमुख लक्ष्यों में स्पेस डॉकिंग प्रोसेस शामिल था। यह क्षमता भविष्य में ह्युमन और स्पेश मिशंस के लिए जरूरी है। प्रधानमंत्री Narendra Modi ने इस बड़ी सफलता पर ISRO को बधाई दी है।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) का Spadex मिशन कामयाब हो गया। कई दिनों से देशवासी जिसका इंतजार कर रहे थे, वह गुड न्यूज गुरुवार सुबह आई। इसरो ने बताया कि उसने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक दो स्पेसक्राफ्टों को आपस में जोड़ दिया है, जिसे स्पेस डॉकिंग कहा जाता है। ऐसा करने वाला भारत अब दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह कामयाबी अबतक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के नाम थी।
भारत के अंतरिक्ष संगठन ‘इसरो’ (ISRO) ने सोमवार की रात इतिहास रचा। इसरो का SpaDeX मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। इस काम में पीएसएलवी रॉकेट की मदद ली गई, जिसने दो छोटे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाया। मिशन की खास बात यह है कि दोनों सैटेलाइट्स धरती से करीब 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर डॉकिंग और अनडॉकिंग करेंगे।
मंगलवार को चीन के स्पेस स्टेशन के तीसरे और आखिरी मॉड्यूल को सफलता के साथ डॉक कर दिया गया। चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि यह देश की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।