पिछले साल 22 दिसंबर को हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी बिल पर कोई चर्चा नहीं हुई थी, हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पहले कहा था कि जल्द एक "सुविचारित" बिल आएगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में भी पेश किया जाएगा।
इस बिल में स्पष्ट है कि वर्कर और एंप्लॉयर के बीच आपसी सहमति के बाद ही क्रिप्टो में पेमेंट की गारंटी दी जा सकती है। यानी यह साफ है कि एंप्लॉयर अपने वर्कर्स पर क्रिप्टो में पेमेंट लेने का दबाव नहीं बना पाएगा।