हाल ही में केंद्र सरकार ने UPI के जरिए डिजिटल तरीके से पेमेंट्स को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था। इसके साथ ही सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि UPI से 2,000 रुपये से अधिक की ट्रांजैक्शंस पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगाने के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं किया जा रहा है। देश में UPI के जरिए प्रति माह 18 अरब से अधिक ट्रांजैक्शंस हो रही हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंथली आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई बेस्ड डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी के बीच डेबिट कार्ड बेस्ड ट्रांजैक्शन में गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों के अनुसार, डेबिट कार्ड से होने वाला लेनदेन इस साल अगस्त में लगभग 43,350 करोड़ रुपये से घटकर सितंबर में लगभग 39,920 करोड़ रुपये रह गया। दूसरी ओर, देश में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन बढ़ा है।
टोकनाइजेशन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कार्ड डिटेल एक यूनीक कोड या टोकन में बदल जाती है। यह सब एक एल्गोरिदम से होता है। इससे ऑनलाइन खरीदारी करते समय कार्ड डिटेल सुरक्षित रहती है।
लीक डेटा में भारतीय कार्डधारकों के केवल नाम ही नहीं बल्कि उनके मोबाइल नंबर्स, इनकम लेवल्स, इमेल आइडी और पर्मानेंट अकाउंट नवंबर (PAN) डिटेल्स आदि शामिल हैं। यह गूगल ड्राइव लिंक के माध्यम से डाउनलोड के उपलब्ध है।