टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने रिलायंस जियो इंफोकॉम की सैटेलाइट यूनिट को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी किया है। इससे रिलायंस जियो उन एरिया में सैटेलाइट के जरिए ग्लोबल पर्सनल कम्युनिकेशन (GMPCS) सर्विसेज दे सकेगी जिनके लिए इसके पास लाइसेंस है। इनमें वॉयस और डेटा सर्विसेज शामिल होंगी।
इंडस्ट्री के सूत्रों के हवाले से दी गई एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी की सैटेलाइट यूनिट Jio Satellite Communications Limited को टेलीकॉम डिपार्टमेंट से LoI मिला है। इस वर्ष की शुरुआत में
रिलायंस जियो ने देश में सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। इसके लिए लग्जमबर्ग की SES के साथ टाई-अप किया गया है। इससे रिलायंस जियो को सुनील मित्तल की OneWeb और Elon Musk की SpaceX को हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विसेज में टक्कर देने में मदद मिलेगी।
पिछले महीने रिलायंस जियो इंफोकॉम ने प्रमुख शहरों में अक्टूबर से 5G कनेक्टिविटी शुरू करने की घोषणा की थी। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता शामिल हैं। कंपनी की योजना अगले वर्ष के अंत तक देश के प्रत्येक जिले तक इस कवरेज को पहुंचाने की है। इसके साथ ही जियो ने Air Fiber कही जाने वाली सर्विस भी शुरू की है। इससे 5G हॉटस्पॉट के लिए सपोर्ट मिलेगा और यूजर्स को इस तेज स्पीड वाले नेटवर्क पर वायरलेस ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिल सकेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की 45वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने देश भर में 5G नेटवर्क पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि रिलायंस जियो इंफोकॉम ने देश में सबसे तेजी से 5G कनेक्टिविटी शुरू करने की एक महत्वकांक्षी योजना बनाई है। अक्टूबर में प्रमुख शहरों में इस नेटवर्क की शुरुआत के बाद हर महीने इसकी
कवरेज बढ़ाई जाएगी। अंबानी ने बताया था, "हम अपने वायरलेस और वायरलाइन एसेट्स का इस्तेमाल देश भर में फाइबर क्वालिटी वाले ब्रॉडबैंड को पहुंचाने के लिए करेंगे।" हाल ही में हुई स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिलायंस जियो ने लगभग 11 अरब डॉलर का स्पेक्ट्रम हासिल किया था। यह इस नीलामी में सबसे अधिक खर्च करने वाली कंपनी थी। रिलायंस जियो इंफोकॉम की शुरुआत छह वर्ष पहले की गई थी। कंपनी ने टैरिफ की आक्रामक दरों और बड़े नेटवर्क की मदद से टेलीकॉम मार्केट में तेजी से अपनी पहुंच बढ़ाई है।