केंद्र सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को सर्विस क्वालिटी में सुधार करने को कहा है। टेलीकॉम मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने इस सेक्टर में रिफॉर्म्स बढ़ाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को भी अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हुए सर्विस की क्वालिटी में सुधार करना चाहिए। उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स को इसके लिए तेजी से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उनका कहना था कि कोशिशें एक पक्ष की ओर से नहीं हो सकती और इसके लिए दूसरी ओर से भी प्रतिक्रिया होनी चाहिए। Vaishnaw ने कहा कि देश में 5G की यात्रा रोमांचक होगी। सरकार ने इसके लिए कम अवधि में 80 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य दिया है। Vaishnaw ने बताया, "बहुत से देशों में 40-50 प्रतिशत कवरेज तक पहुंचने में वर्षों कई वर्ष लगे थे। हम एक आक्रामक समयसीमा का लक्ष्य बना रहे हैं। हमें बहुत कम अवधि में कम से कम 80 प्रतिशत कवरेज हासिल करनी चाहिए।" इस सप्ताह की शुरुआत में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सभी
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को कम से कम एक ऐसा प्लान वाउचर, स्पेशल टैरिफ वाउचर और कॉम्बिनेशन वाउचर सब्सक्राइबर्स को उपलब्ध कराने का ऑर्डर दिया था जिसे 30 दिन या एक महीने की अवधि पूरी होने पर रिन्यू कराया जा सके।
TRAI ने कहा था कि अगर ऐसे रिन्युअल की तिथि एक महीने में उपलब्ध नहीं है तो वह उस महीने की आखिरी तिथि होनी चाहिए। प्रत्येक टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को कम से कम एक प्लान वाउचर, स्पेशल टैरिफ वाउचर और कॉम्बो वाउचर उपलब्ध कराना होगा जिसकी वैलिडिटी 30 दिनों की होगी। TRAI ने 30 दिन के टैरिफ प्लान या मंथली रिचार्ज प्लान के उपलब्ध नहीं होने को लेकर कस्टमर्स की मुश्किलों पर ध्यान देते हुए यह आदेश दिया है। टेलीकॉम कंपनियां 28 दिनों की
वैलिडिटी वाले प्रीपेड प्लान दे रही हैं जिनसे कस्टमर्स को मुश्किलें होती हैं।
लगभग छह वर्ष पहले टेलीकॉम मार्केट में रिलायंस जियो के बिजनेस शुरू करने के बाद टैरिफ घटाने की प्रतिस्पर्धा शुरू हुई थी। इससे कुछ टेलीकॉम कंपनियों की वित्तीय स्थिति बहुत कमजोर हो गई थी। इसके बाद इस इंडस्ट्री में मर्जर और एक्विजिशन भी हुए थे। इसके अलावा AGR की बकाया रकम का बोझ भी इन कंपनियों पर पड़ा था।