पिछले कुछ वर्षों से घाटे से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी (BSNL) जल्द ही 4G सर्विसेज शुरू करने वाली है। कंपनी को 4G और 5G सर्विसेज लॉन्च करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 89,000 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज मिला है। BSNL को प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या भी घट रही है।
टेलीकॉम मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने कहा कि अगले वर्ष प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को
BSNL टक्कर देने की स्थिति में होगी। उनका कहना था, "कंपनी की 4G और 5G सर्विसेज लॉन्च होने के बाद इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या में कमी रुक जाएगी।" टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के अनुसार, BSNL का मार्च में मार्केट शेयर 9.27 प्रतिशत का था और मोबाइल सेगमेंट में इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या लगभग 10.36 करोड़ थी। वायरलाइन सेगमेंट में यह लगभग 25 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर थी।
कर्ज के बोझ से दबी इस कंपनी को खराब इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह पिछले 12 वर्षों से घाटे में है। देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज शुरू की गई थी। Reliance Jio Infocomm और Bharti Airtel जैसी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां तेजी से अपने 5G नेटवर्क का दायरा बढ़ा रही हैं। इन कंपनियों का मुकाबला करने में BSNL को परेशानी हो रही है।
BSNL का पिछले वित्त वर्ष में लॉस बढ़कर 8,161 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 6,982 करोड़ रुपये का था। कंपनी का लॉस बढ़ने का बड़ा कारण सरकार को चुकाए जाने वाले एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के लिए प्रोविजन करना है। पिछले वित्त वर्ष में
कंपनी ने AGR की बकाया रकम के लिए 17,688 करोड़ रुपये का प्रोविजन किया और इसे 16,189 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग मिली है। इस वजह से कंपनी ने 1,499 करोड़ रुपये का असाधारण लॉस दिखाया है और इससे इसके कुल लॉस में बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का कुल खर्च 5.1 प्रतिशत बढ़कर 27,364 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें एंप्लॉयी कॉस्ट 7,952 करोड़ रुपये की थी। हालांकि, BSNL के रेवेन्यू में लगभग 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने 19,130 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया है।