Bharti Airtel ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि दूसरी तिमाही में उसने अपने रिवेन्यू में 13% की बढ़ोत्तरी दर्ज की है। टेलीकॉम ऑपरेटर ने कहा कि यह बढ़ोत्तरी उसके 4G सब्सक्राइबर बेस में बढ़त, यूजर द्वारा अधिक डेटा इस्तेमाल और प्रति यूजर ज्यादा रिवेन्यू मिलने से हुई है। कंपनी का प्रति यूजर एवरेज रिवेन्यू (ARPU) टेलीकॉम इंडस्ट्री में उसकी परफॉर्मेंस के बारे में बताता है। एयरटेल के केस में यह पिछले साल 143 रु प्रति यूजर था जबकि इस साल दूसरी तिमाही में यह बढ़कर 153 रु. प्रति यूजर हो गया है। इसी अवधि के लिए इसके प्रतिद्वंदी Reliance Jio का ARPU 143.6 रु. प्रति यूजर था।
सब्सक्राइबर आधार के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम फर्म एयरटेल को COVID-19 महामारी के दौरान लाभ हुआ। महामारी में रिमोट वर्किंग ट्रेंड शुरू हुआ जिसके कारण हाइ यूजर एडिशन और डेटा यूसेज में उछाल आया।
इसने पिछली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में 81 लाख 4G यूजर्स को जोड़ा और 192.5 लाख ग्राहकों के आंकड़े को टच किया - जिससे यह इसके कुल कस्टमर केस का 60 प्रतिशत बन गया। कंपनी ने कहा कि मोबाइल डेटा की खपत में एक साल पहले की तुलना में 47.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कंपनी ने इस साल की शुरुआत में अपने टैरिफ में कुछ बढ़ोतरी भी की थी। जुलाई में इसने 49 रुपये के एंट्री-लेवल प्रीपेड रिचार्ज को खत्म कर दिया और बेस प्लान को 79 रुपये पर सेट कर दिया। एयरटेल की एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार ऑपरेशन से इसका ओवरऑल रिवेन्यू 30 सितंबर को समाप्त तिमाही के लिए 28,330 करोड़ रुपये रहा। जबकि पिछले साल यह 25,060 करोड़ रुपये था। एनालिस्टों को इसके 27,770 करोड़ रुपये के रिवेन्यू की उम्मीद थी।
दूसरी तिमाही में इसका नेट प्रोफिट 1,130 करोड़ रुपये रहा। जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान इसका नुकसान 760 करोड़ रुपये था। Airtel ने तिमाही के दौरान यह भी कहा था कि वह भारत और उसके आसपास ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए अपने डेटा सेंटर बिजनेस का विस्तार करेगी और ऐसा करने के लिए वह 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।