क्‍या पृथ्‍वी से खत्‍म हो जाएगी ऑक्‍सीजन, वैज्ञानिक क्‍या कहते हैं? जानें

पृथ्‍वी की कंडीशन लगभग वैसी ही हो जाएगी, जैसी करीब ढाई अरब साल पहले थी।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 20 नवंबर 2023 13:23 IST
ख़ास बातें
  • अरबों साल में पृथ्‍वी से कम हो सकती है ऑक्‍सीजन
  • पुराने वातावरण में लौट आएगी हमारा ग्रह
  • इससे जीवन पर बड़ा असर पड़ सकता है

इस स्‍टडी की अहमियत इसलिए है क्‍योंकि वैज्ञानिक तो पृथ्‍वी के बाहर जीवन की तलाश कर रहे हैं।

आप, हम और तमाम जीव-जंतु इस पृथ्‍वी पर ऑक्‍सीजन की वजह से जीवित हैं। ब्रह्मांड में और किसी ग्रह पर ऑक्‍सीजन इस रूप में मौजूद नहीं है कि सांस के साथ ली ज सके। विज्ञान के स्‍टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है कि हमारे वायुमंडल में लगभग 21 फीसदी ऑक्‍सीजन है। दिलचस्‍प यह भी है कि पृथ्‍वी के शुरुआती समय में यहां ऑक्‍सीजन नहीं थी और भविष्‍य में भी यह कम हो जाएगी। एक स्‍टडी में कहा गया है कि भविष्‍य में पृथ्‍वी पर ऑक्‍सीजन घट  जाएगी। 

नेचर मैगजीन में साल 2021 में पब्लिश स्‍डटी में कहा गया है कि भविष्‍य में पृथ्‍वी का वातावरण फ‍िर से कम ऑक्‍सीजन वाले वातावरण में चला जाएगा। हालांकि ऐसा होने में अभी अरबों साल बाकी हैं, लेकिन जब भी यह होगा, तेजी से होगा। पृथ्‍वी की कंडीशन लगभग वैसी ही हो जाएगी, जैसी करीब ढाई अरब साल पहले थी।  

इस स्‍टडी की अहमियत इसलिए है क्‍योंकि वैज्ञानिक तो पृथ्‍वी के बाहर जीवन की तलाश कर रहे हैं। अगर उन्‍हें इसमें कामयाबी मिलती है तो शायद अरबों साल बाद इंसान और अन्‍य प्रजातियों को बचाया जा सके। न्‍यू साइंटिस्‍ट की रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी के क्रिस रेनहार्ड ने कहा कि हम आज की तुलना में लगभग दस लाख गुना कम ऑक्सीजन की बात इस स्‍टडी में कर रहे हैं। 

तब पृथ्‍वी का वातावरण पहले जैसा ही हो जाएगा। उन गैसों की अधिकता होगी, जो इंसान के लिए नुकसानदेह हैं। इस नतीजे तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने पृथ्‍वी के वायुमंडल के कई मॉडल बनाए। उन्‍होंने सूर्य की चमक में बदलाव और कार्बन डाई ऑक्‍साइड के स्‍तर को भी देखा। 

पृथ्‍वी से बाहर जीवन की बात करें, तो वैज्ञानिकों की सबसे ज्‍यादा निगाह एक्‍साेप्‍लैनेट्स पर है। एक्‍सोप्‍लैनेट्स उन ग्रहों को कहा जाता है जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि किसी अन्‍य तारे की परिक्रमा करते हैं। वैज्ञानिकों को लगता है कि किसी एक्‍सोप्‍लैनेट पर पृथ्‍वी जैसी परिस्थितियां हो सकती हैं। 
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