क्‍या चांद पर दोबारा इंसान को भेज पाएगी Nasa? आर्टिमिस मिशन में हो रही देरी, जानें वजह

साल 2022 में नासा ने आर्टिमिस मिशन के तहत ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट को चांद के करीब तक भेजा था। स्‍पेसक्राफ्ट ने 25 दिनों में मिशन पूरा किया था।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by अंकित शर्मा, अपडेटेड: 25 दिसंबर 2024 12:46 IST
ख़ास बातें
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मून मिशन
  • आर्टिमिस 2 और आर्टिमिस 3 मिशन में हो रही देरी
  • ओरियन कैप्‍सूल की हीट शील्‍ड में दिक्‍कत है वजह

फैसला ऐसे वक्‍त में हुआ है, जब अमेरिका का प्रतिद्वंदी चीन भी अपने एस्‍ट्रोनॉट्स को चांद पर भेजने की तैयार‍ियों में जुटा है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) कई वर्षों से आर्टिमिस मिशन (Artemis Mission) पर काम कर रही है। इसके तहत एक बार फ‍िर से इंसान को चांद पर भेजने की तैयारी है। साल 2022 में नासा ने आर्टिमिस मिशन के तहत ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट को चांद के करीब तक भेजा था। स्‍पेसक्राफ्ट ने 25 दिनों में मिशन पूरा किया था। हालांकि उसमें क्रू मौजूद नहीं था। कहा गया कि एजेंसी ने शुरुआती तैयारी की है और जल्‍द इंसानों को भी चांद पर भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। अब ऐसा लगता है कि मिशन में देरी हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, नासा ने अपने शुरुआती दो मानवयुक्‍त मून मिशनों को साल 2026 और 2027 के लिए टाल दिया है। फैसला ऐसे वक्‍त में हुआ है, जब अमेरिका का प्रतिद्वंदी चीन भी अपने एस्‍ट्रोनॉट्स को चांद पर भेजने की तैयार‍ियों में जुटा है। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, आर्टेमिस 2 (Artemis 2) मिशन में तीन अमेरिकी और एक कनाडाई अंतरिक्ष यात्री को भेजा जाना प्रस्‍तावित है। ये चांद पर उतरेंगे नहीं, सिर्फ उसका चक्‍कर लगाकर लौट आएंगे। मिशन सितंबर 2025 में लॉन्‍च होना है, लेकिन इसी महीने नासा ने ऐलान किया कि इसे अप्रैल 2026 के लिए टाल दिया गया है। 

चांद पर एस्‍ट्रोनॉट्स को उतारने की योजना Artemis 3 मिशन में परवान चढ़ेगी, लेकिन उसे भी नासा ने 2026 के अंत या 2027 के मध्‍य तक के लिए टाल दिया है। 
 

देरी की वजह क्‍या है? 

आर्टिमिस मिशन की देरी की वजह ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट की हीट शील्‍ड को बताया जा रहा है। कहा जाता है कि उसमें प्रॉब्‍लम है, जिसका पता नासा को 2022 में चला था, जब आर्टिमिस 1 मिशन धरती पर वापस लौटा था। 
 

हीट शील्‍ड में क्‍या समस्‍या? 

नासा ने इसी महीने बताया था कि जब ओरियन कैप्‍सूल स्किप एंट्री के तहत वायुमंडल में अंदर-बाहर जा रहा था, तब हीट शील्‍ड की बाहरी परत के अंदर गर्मी जमा हो गई। इससे गैसें बनीं और हीट शील्‍ड में फंस गईं। इससे शील्‍ड में दबाव बढ़ा और बाहरी परत में दरारें पड़ गईं। 

नासा का कहना है कि वह एस्‍ट्रोनॉट्स की सेफ्टी के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहती। हालांकि अभी भी ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट का ही इस्‍तेमाल आर्टिमिस मिशन में किया जाएगा, लेकिन रीएंट्री के लिए कोई और ट्रेजेक्‍टरी पर काम होगा। मिशन में देरी करके नासा इस समस्‍या को पूरी तरह से सुलझाना चाहती है। 
 
 

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