Video : सूर्य से उठा भयानक तूफान, भारत में भी दिखा असर, लद्दाख के आसमान में कैद हुई घटना, देखें

Aurora from Ladakh : 22-23 अप्रैल की रात 360 डिग्री कैमरे में ऑरोरा को कैद किया गया।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 2 मई 2023 19:00 IST
ख़ास बातें
  • 23 अप्रैल की देर रात पृथ्‍वी से टकराया तूफान
  • भारत समेत दुनियाभर में देखा गया असर
  • इस पूरी घटना का वीडियो सामने आया है

Aurora from Ladakh : वीडियो में पृथ्वी से टकराने वाले तीव्र भू-चुंबकीय तूफान की वजह से चमके ऑरोरा को देखा जा सकता है।

Photo Credit: Video Grab

सूर्य में हुए कोरोनल मास इजेक्शन (CME) की वजह से बीते दिनों एक भू-चुंबकीय तूफान (geomagnetic storm) ने पृथ्‍वी को प्रभावित किया। 23 अप्रैल की देर रात करीब 10 बजे तूफान पृथ्‍वी से टकराया, जिसका असर भारत समेत दुनियाभर में देखा गया। तूफान की वजह से लद्दाख के आसमान में भी ऑरोरा चमक उठा। इस पूरी घटना का वीडियो सामने आया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए बताया है कि 22-23 अप्रैल की रात 360 डिग्री कैमरे में ऑरोरा को कैद किया गया। 

IIA के ट्वीट में लिखा गया है कि यह आकाश का टाइम-लैप्‍स है, जिसे 22/23 अप्रैल की रात को 360 डिग्री कैमरे द्वारा लिया गया। वीडियो में पृथ्वी से टकराने वाले तीव्र भू-चुंबकीय तूफान की वजह से चमके ऑरोरा को देखा जा सकता है। आईएए ने इसे दुर्लभ घटना बताया है। 

ऑरोरा (aurora) आकाश में बनने वाली खूबसूरत प्राकृतिक रोशनी है। यह रात के वक्‍त आमतौर पर नॉर्थ और साउथ पोल्‍स के पास देखने को मिलती है। लंबे समय से वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि ऑरोरा तब बनते हैं, जब सौर हवाएं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से इंटरेक्‍ट करती हैं। 
 

IIA के ट्वीट में प्रोफेसर वागेश मिश्रा के हवाले से कहा गया है कि जो CME सूर्य से निकला था, वह एक M1 कैटिगरी के सोलर फ्लेयर से संबंधित था। 21 अप्रैल को वह CME सूर्य से पृथ्‍वी की ओर लॉन्‍च हुआ था। सीएमई की वजह से पृथ्‍वी पर ऑरोरा के लिए पर्याप्‍त गतिविधियां पैदा हुईं। भारत के अलावा यूरोप और चीन में भी ऑरोरा नजर आया। प्रोफेसर मिश्रा का कहना है कि इतना भयंकर भू-चुंबकीय तूफान आखिरी बार 2015 में आया था।
Advertisement
 

क्‍या होता है कोरोनल मास इजेक्शन (CME)

कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए सायबर क्रिमिनल्स ने खपाई 600 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम, होम मिनिस्ट्री का खुलासा
#ताज़ा ख़बरें
  1. टेस्ला जल्द गुरूग्राम में शुरू करेगी पहला फुल सेंटर, सेल्स बढ़ाने की तैयारी
  2. क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए सायबर क्रिमिनल्स ने खपाई 600 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम, होम मिनिस्ट्री का खुलासा
  3. Vivo S50 Pro Mini में होगा Snapdragon 8 Gen 5 चिपसेट, अगले महीने लॉन्च
  4. न बैटरी बदलने की टेंशन, न चार्जिंग का झंझट! Google का नया TV रिमोट टेबल पर पड़े-पड़े होगा चार्ज
  5. सिंगल चार्ज में 30 घंटे चलने वाला गेमिंग हैडसेट Sony ने किया लॉन्च, जानें कीमत
  6. रेस्टोरेंट और सोसाइटी में एंट्री के लिए भी चाहिए होगा Aadhaar? कई फीचर्स के साथ आ रहा है नया आधार ऐप!
  7. 8GB रैम, 8MP कैमरा के साथ Samsung Galaxy Tab A11+ भारत में नवंबर अंत में होगा लॉन्च, जानें सबकुछ
  8. Blaupunkt SonicQ QLED TV Launched: 75 इंच तक साइज, गेमिंग के लिए VRR और ALLM; कीमत Rs 33 हजार से शुरू
  9. 8,000mAh की जंबो बैटरी के साथ लॉन्च हो सकता है Redmi K90 Ultra 
  10. कहां चलें घूमने? भारत में 88% लोग इस ऐप को देखकर करते हैं प्लान
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.