ग्लोबल वॉर्मिंग और गर्म होती पृथ्वी ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, सरकारों को चिंता में डाला हुआ है। पहाड़ों पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। मौसमी चक्र बदल रहा है। कहीं अत्यधिक वर्षा, कहीं सूखा पड़ने से कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है। समुद्र के औसत स्तर में बढ़ोतरी हो रही है, जो पूरी दुनिया के लिए गंभीर विषय बन गया है। यह बढ़ोतरी जारी रही तो समुद्र के किनारे बसे शहर डूब सकते हैं और एक बड़ी आबादी को पलायन करना पड़ सकता है। समुद्र के स्तर में हो रही बढ़ोतरी कितनी चिंताजनक है, इससे जुड़ा एक एनिमेशन वीडियो सामने आया है।
नासा के साइंटिफिक विजुअलाइजेशन स्टूडियो ने एक वीडियो रिलीज किया है। इसमें पिछले 3 दशकों में समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी को दर्शाया गया है। वीडियो दिखाता है कि साल 1993 से लेकर 2022 के बीच हमारे महासागरों में पानी कितना बढ़ गया है।
इस साल फरवरी में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने
चेतावनी दी थी कि जिस तरह दुनिया भर में समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, उससे बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन हो सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार,
लगभग 3,000 साल पूर्व से 100 साल पूर्व तक समुद्र का स्तर स्वाभाविक रूप से बढ़ता और कम होता था। लेकिन पिछले 100 साल में ग्लोबल टेंपरेचर लगभग 1 डिग्री सेल्सियस (1.8 डिग्री फ़ारेनहाइट) बढ़ गया है।
इस गर्मी की वजह से बर्फ का पिघलना तेज हुआ है और समुद्र का स्तर लगभग 6 से 8 इंच बढ़ गया है। वीडियो में एक गोलाकार विंडो के जरिए समुद्र के स्तर में हुए बदलाव को देखा जा सकता है। 40 सेकंड का यह वीडियो दर्शाता है कि साल दर साल पानी का स्तर बढ़ रहा है।
ग्लोबल वॉर्मिंग ना सिर्फ समुद्र का स्तर बढ़ा रही है, बल्कि धरती पर लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा रहा है। बीते दिनों एक रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि इस ‘मुसीबत' को अनदेखा किया जाता रहा, तो साल 2100 तक दुनिया की बड़ी आबादी को जानलेवा गर्मी का सामना करना पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा असर अफ्रीका और एशियाई देशों में होगा। अकेले भारत में करीब 60 करोड़ लोग जानलेवा गर्मी की चपेट में आएंगे। नाइजीरिया के 30 करोड़ लोग, इंडोनेशिया के 10 करोड़ और फिलीपींस व पाकिस्तान के 8-8 करोड़ लोग जानलेवा गर्मी का सामना करेंगे।