दरअसल, नेपच्यून और यूरेनस को लेकर यही माना जाता है कि ये हमारे सौर मंडल के सबसे बाहरी ग्रह हैं, जहां बर्फ ही बर्फ है। इसका मतलब है कि पूरे ब्रह्मांड में हीरे की बारिश हो सकती है।
यूरेनस और नेपच्यून जैसे बर्फीले ग्रहों के अंदर एक्स्ट्रीम कंडीशंस की वजह से विलक्षण कैमिस्ट्री और स्ट्रक्चरल ट्रांजिशन हो सकते हैं। यानी वहां हीरे की या सुपरआयोनिक पानी की बारिश हो सकती है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।
विज्ञापन
विज्ञापन
TVS Motor जल्द पेश करेगी इलेक्ट्रिक मैक्सी-स्कूटर M1-S, 150 किलोमीटर हो सकती है रेंज
Rs 30 हजार के अंदर आने वाले ये हैं बेस्ट कैमरा फोन
100 इंच तक बड़े स्मार्ट TV Dreame ने किए लॉन्च, 4K डिस्प्ले, AI, Dolby Atmos जैसे फीचर्स, जानें कीमत