अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) एक बार फिर से इंसान को चांद पर उतारना चाहती है। इसके लिए उसने आर्टिमिस मिशन तैयार किया है। मिशन के लिए अबतक के सबसे ताकतवर रॉकेट ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम' (SLS) को तैयार किया गया है। दो महीने पहले यानी अप्रैल में अंतरिक्ष एजेंसी ने इस रॉकेट को वेट ड्रेस रिहर्सल की प्रक्रिया से गुजारा था। इस प्रक्रिया में रॉकेट को टेस्ट किया जाता है। हालांकि तकनीकी खामियां सामने आने की वजह से वेट ड्रेस रिहर्सल पूरी नहीं हो पाई। अब चौथी बार वेट ड्रेस रिहर्सल की जा रही है, पर ऐसा लगता है कि अंतरिक्ष एजेंसी को अपने मकसद में कामयाबी नहीं मिल पाई।
eurasiantimes ने
लिखा है कि 20 जून की सुबह SLS रॉकेट को पहली बार ईंधन से भरा गया था। हालांकि टीम को हाइड्रोजन रिसाव का पता चला और कहा जाता है कि आर्टेमिस मिशन का प्री-लॉन्च टेस्ट अपने उद्देश्य को हासिल नहीं कर पाया। इस मिशन को मंजूरी देने के लिए प्री-लॉन्च टेस्ट या वेट ड्रेस रिहर्सल एक जरूरी प्रक्रिया है।
नासा ने इस रॉकेट में फ्यूलिंग टेस्ट करने की चौथी कोशिश 18 जून को शुरू की थी। 98 मीटर ऊंचे इस रॉकेट को एक बार फिर फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में स्थित लॉन्च पैड पर ले जाया गया। साथ में ओरियन स्पेसक्राफ्ट भी था। इससे पहले अप्रैल में हुई वेट ड्रेस रिहर्सल के दौरान नासा की पहली तीन कोशिशें नाकाम रही थीं। CNN के मुताबिक, नासा का दावा है कि उसने इन परेशानियों को हल कर लिया है।
पिछले हफ्ते एक न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान नासा के एक्सप्लोरेशन ग्राउंड सिस्टम्स प्रोग्राम में आर्टेमिस लॉन्च डायरेक्टर चार्ली ब्लैकवेल-थॉम्पसन ने कहा था कि शुरुआती वेट ड्रेस रिहर्सल में रॉकेट लॉन्च के कई लक्ष्यों को पूरा कर लिया गया था।
बहरहाल इस मिशन को लॉन्च करने के लिए नासा कई तारीखों पर विचार कर रही है। इनमें 23 अगस्त से 29 अगस्त, 2 सितंबर से 6 सितंबर और उससे आगे की तारीखें शामिल हैं। वेट ड्रेस रिहर्सल के बाद SLS रॉकेट अपनी असेंबली बिल्डिंग में वापस आ जाएगा और लॉन्च की तारीख का इंतजार करेगा।
आर्टेमिस-1 मिशन के साथ ही अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर नहीं भेजा जाएगा। नासा पहले चंद्रमा पर एक मानव रहित ओरियन कैप्सूल भेजेगी। इसके बाद इंसान को चांद पर भेजने के बारे में फैसला लिया जाएगा। आर्टेमिस-1 मिशन इस साल जून में लॉन्च होने वाला था, जिसमें अब देरी हो चुकी है।