सूर्य हुआ क्रोधित! पहली बार पृथ्‍वी, चंद्रमा और मंगल एकसाथ सौर तूफान की चपेट में आए, मच गई ‘तबाही’

क्‍योंकि चंद्रमा और मंगल ग्रह में चुंबकीय क्षेत्र की कमी है। इस वजह से दोनों को बहुत ज्‍यादा नुकसान हुआ है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 3 अगस्त 2023 12:20 IST
ख़ास बातें
  • सौर तूफान का पता 28 अक्‍टूबर 2021 को चला था
  • इससे जुड़े निष्‍कर्ष अब पब्लिश किए जा रहे हैं
  • भविष्‍य के मिशनों के लिए घातक हो सकते हैं ऐसे सौर तूफान

खगोलविदों को यह भी डर है कि भविष्‍य में चांद और मंगल पर प्रस्‍तावित मानव मिशन घातक हो सकते हैं।

Photo Credit: Nasa

बीते कुछ वर्षों से सूर्य में हो रहीं गतिविधियां चिंता का विषय बनी हुई हैं। वैज्ञानिकों ने बताया है कि इतिहास में पहली बार ऐसी घटना का पता चला है, जब एक सौर तूफान (कोरोनल मास इजेक्‍शन) ने एकसाथ पृथ्वी, चंद्रमा और मंगल ग्रह को अपनी चपेट में लिया। क्‍योंकि चंद्रमा और मंगल ग्रह में चुंबकीय क्षेत्र की कमी है। इस वजह से दोनों को बहुत ज्‍यादा नुकसान हुआ है। खगोलविदों को यह भी डर है कि भविष्‍य में चांद और मंगल पर प्रस्‍तावित मानव मिशन घातक हो सकते हैं।    

गौरतलब है इस दशक के अंत तक स्‍पेस एजेंसियां चंद्रमा पर मानव मिशन और भविष्‍य में मंगल ग्रह पर मिशन भेजने की तैयारी कर रही हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्‍नॉलजी चाइना के वैज्ञानिकों की स्‍टडी में कहा गया है कि ‘स्‍पेस रेडिएशन' ऐसी समस्‍या है, जिसका हम अभी तक सामना कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्‍य में लंबे वक्‍त तक चंद्रमा और मंगल ग्रह पर रहने वाले यात्रियों के लिए यह बहुत बड़ा जोखिम बन सकता है।  

वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत ज्‍यादा सौर विस्‍फोटों की चपेट में आने के कारण चांद और मंगल ग्रह पर रेडिएशन का लेवल खतरनाक रूप से बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों को इस सौर तूफान का पता 28 अक्‍टूबर 2021 को ही चल गया था। हालांकि इससे जुड़े निष्‍कर्ष अब पब्लिश किए जा रहे हैं।  

घटना को कई ऑर्बिटरों ने कैप्‍चर किया था। इनमें यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी यानी ईएसए का एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (TGO), नासा का क्यूरियोसिटी मार्स रोवर, चीन की स्‍पेस एजेंसी का मून लैंडर, नासा का लूनार रिकोनाइसेंस ऑर्बिटर (LRO) आदि शामिल हैं।  

स्‍टडी में कहा गया है कि पृथ्‍वी तो सौर विस्‍फोट के नुकसान से बच गई, क्‍योंकि उसके चुंबकीय क्षेत्र ने कोई प्रभाव हमारे ग्रह पर पड़ने नहीं दिया। लेकिन चंद्रमा और मंगल को नुकसान हुआ है। सौर तूफान के साथ आए पार्टिकल्‍स वहां की मिट्टी में मिलकर रेडिएशन को बढ़ा सकते हैं। 
 
 

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