सूरज एक बार फिर भभका! पहुंच रहा है एक और सौर तूफान, जानें क्या होगा इसका असर

अब एक और सौर तूफान धरती से टकराने वाला है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 24 जून 2023 21:15 IST
ख़ास बातें
  • भूचुंबकीय तूफानों या सौर तूफानों को प्रभाव के हिसाब बांटा जाता है।
  • इन्हें G1 से G5 तक वर्गीकृत किया गया है।
  • G5 कैटिगरी का सौर तूफान सबसे शक्तिशाली माना जाता है।

आने वाले 5-6 दिनों के भीतर ऐसे कई सौर तूफान पहुंचने वाले हैं। इनका असर रेडियो ब्लैकआउट के रूप में देखा जा सकता है।

सूर्य की सतह से ऊर्जा या गर्मी के तूफान पैदा होते हैं। ये सौर तूफान या सोलर फ्लेयर या जियोमेग्नेटिक स्टॉर्म भी कहे जाते हैं। 2023 की शुरुआत से लेकर अब तक कई सौर तूफान पृथ्वी से टकरा चुके हैं। इस साल सूर्य की सतह से एक के बाद एक सौर तूफान निकल रहे हैं। सूर्य के लिए 2023 इसकी साइकिल का 11 वां साल है। हर 11 साल में सूर्य की सतह पर होने वाली गतिविधियों में दोगुनी तेजी आती है। हर 11 साल में सूर्य एक साइकल पूरी करता है। यह सूर्य की 25वीं साइकल का समय है। इसमें परिणाम यह होता है कि सूर्य की सतह से ऊर्जा के तूफान फूटते हैं, जिनका असर सौरमंडल के ग्रहों पर बहुत ज्यादा पड़ता है।

अब एक और सौर तूफान धरती से टकराने वाला है। सूरज की सतह पर दिखने वाले धब्बों को वैज्ञानिकों ने कुछ नाम दि­ए हैं। इनमें से ही एक सनस्पॉट है AR3341 नाम का। इसी सनस्पॉट से 23 जून को एक सौर तूफान निकला है जो कि आज पृथ्वी से टकराने वाला है। सूर्य पर मौजूद इस क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि यहां से X-1 कैटिगरी के सोलर फ्लेयर निकलते हैं। इसी तरह का एक सोलर फ्लेयर 20 जून को आया था जिसने धरती पर बड़ा रेडियो ब्लैकआउट किया था। स्पेसवेदर फिजिसिस्ट डॉक्टर टैमिथा स्कॉव के मुताबिक, एक सौरतूफान पृथ्वी की ओर पहुंच रहा है। 

इतना ही नहीं, आने वाले 5-6 दिनों के भीतर ऐसे कई सौर तूफान पहुंचने वाले हैं। इनका असर रेडियो ब्लैकआउट के रूप में देखा जा सकता है। इसके अलावा ये मोबाइल नेटवर्क, GPS जैसी सर्विसेज को भी प्रभावित कर सकते हैं। नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) इस तरह के सौर तूफानों पर नजर रखती है। यह 2010 से इसी दिशा में काम कर रही है। 

भूचुंबकीय तूफानों या सौर तूफानों को प्रभाव के हिसाब से श्रेणियों में बांटा जाता है। इन्हें G1 से G5 तक वर्गीकृत किया गया है। G5 कैटिगरी का सौर तूफान सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसके टकराने से धरती पर बहुत अधिक नुकसान की संभावना होती है। ये धरती पर कई तरह के उपकरणों को खराब कर सकते हैं, संचार के साधनों में खराबी पैदा कर सकते हैं। बिजली सप्लाई भी इससे प्रभावित हो सकती है। रेडियो, सैटेलाइट और नेविगेशन सिस्टम पर भी यह असर डाल सकता है। बता दें कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार इस वक्त सूर्य अपनी 11 साल की सौर साइकिल से गुजर रहा है। हर 11 साल में सूर्य की सतह पर इस तरह की गतिविधियां बहुत तेज हो जाती हैं। 

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