फ्लाइट में भी चलेगा इंटरनेट, स्‍टारलिंक और हवाईयन एयरलाइंस की डील!

यह काम अपने शुरुआती चरण में है और अगले साल कुछ विमानों में वायरलेस इंटरनेट इंस्‍टॉल होने की उम्मीद है।

फ्लाइट में भी चलेगा इंटरनेट, स्‍टारलिंक और हवाईयन एयरलाइंस की डील!

डेल्‍टा एयरलाइंस के भी स्‍टारलिंक के साथ बातचीत करने की खबरें हैं। माना जा रहा है कि दोनों के बीच जल्‍द अहम डील हो सकती है।

ख़ास बातें
  • 2019 से लेकर अब तक स्टारलिंक 2000 के करीब सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है
  • लेकिन अभी भी यह नेटवर्क पूरा नहीं हो पाया है
  • कंपनी कई देशों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस मुहैया करवाती है
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दुनियाभर में सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने के लिए एलन मस्‍क की कंपनी स्‍टारलिंक (Starlink) काम कर रही है। वह एक के बाद एक उपग्रहों को लॉन्‍च कर रही है, ताकि लोगों को अंतरिक्ष के जरिए ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। इसी क्रम में वह हवाईयन एयरलाइंस (Hawaiian Airlines) की ट्रांस-पैसिफिक फ्लीट में भी ‘इन-फ्लाइट वायरलेस इंटरनेट' की सुविधा देगी। एयरलाइन कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। बताया गया है कि यह काम अपने शुरुआती चरण में है और अगले साल कुछ विमानों में वायरलेस इंटरनेट इंस्‍टॉल होने की उम्मीद है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, हवाईयन एयरलाइंस ने कहा है कि वह अपने Airbus A330 और A321neo विमानों के साथ-साथ बोइंग 787-9s विमानों के बेड़े को Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी सर्विस से लैस करेगा। गौरतलब है कि स्टारलिंक ने पिछले हफ्ते ही एक हवाई कैरियर, सेमी-प्राइवेट जेट सर्विस (JSX) के साथ अपनी पहली डील की है। इसके तहत 100 हवाई जहाजों को स्टारलिंक टर्मिनलों के साथ लैस किया जाना है। डेल्‍टा एयरलाइंस के भी स्‍टारलिंक के साथ बातचीत करने की खबरें हैं। माना जा रहा है कि दोनों के बीच जल्‍द अहम डील हो सकती है। 

स्पेसएक्स (SpaceX) की यूनिट के तौर पर काम करने वाली स्टारलिंक ‘इन-फ्लाइट इंटरनेट सर्विस' उपलब्‍ध कराने के लिए कई महीनों से विभिन्न एयरलाइनों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी दुनियाभर में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सर्विस उपलब्‍ध कराना चाहती है। स्‍टारलिंक का फोकस ऐसे इलाकों पर है, जहां भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से लोगों को बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं मिल पाती है।  

रिपोर्ट बताती है कि SpaceX ने हवाई जहाजों और शिपिंग जहाजों पर स्टारलिंक का सिस्‍टम संचालित करने के लिए अमेरिकी फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन से रेगुलेटरी अप्रूवल मांगा है। कंपनी कुछ जेट्स के साथ-साथ सैन्य विमानों पर भी अपने इंटरनेट नेटवर्क को टेस्‍ट कर चुकी है। 

2019 से लेकर अब तक स्टारलिंक 2000 के करीब सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है जो धरती के निचले ऑर्बिट में लगातार चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी भी यह नेटवर्क पूरा नहीं हो पाया है। कंपनी कई देशों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस मुहैया करवाती है जिसके लिए यह यूजर्स से $110 (लगभग 8,400 रुपये) प्रति महीना का चार्ज लेती है। कनेक्शन के साथ में कंपनी $599 (लगभग 45,700 रुपये) का डिश देती है जिसके माध्यम से सैटेलाइट इंटरनेट रिसीव होता है। यह टर्मिनल डिश पिज्जा बॉक्स के साइज का होता है। 
 
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