आसान नहीं होते स्‍पेस मिशन! स्‍टडी में दावा- पुरुष एस्‍ट्रोनॉट्स को इरेक्‍टाइल डिस्‍फंक्‍शन का खतरा

erectile dysfunction in astronauts : यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें पुरुष के पेनिस में सेक्‍स के दौरान उत्तेजना नहीं होती या उत्तेजना को बनाए रखने में परेशानी होती है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 24 नवंबर 2023 16:23 IST
ख़ास बातें
  • पुरुष अंतरिक्ष यात्रियों में बढ़ जाता है इरेक्‍टाइल डिस्‍फंक्‍शन का खतरा
  • एक नई स्‍टडी में किया गया दावा
  • हालांकि इसका ट्रीटमेंट किया जा सकता है

गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणें और भारहीनता हो सकती है इसकी वजह।

Photo Credit: Unsplash

अंतरिक्ष में जाना कोई मामूली बात नहीं है। कड़ी मेहनत के बाद वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिलता है और जब वो वापस लौटते हैं, तब कई शारीरिक समस्‍याओं का सामना भी करना पड़ता है। एक स्‍टडी में दावा किया गया है कि आउटर स्‍पेस मिशन्‍स से लौटने वाले पुरुष अंतरिक्ष यात्रियों को इरेक्‍टाइल डिस्‍फंक्‍शन की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें पुरुष के लिंग (पेनिस) में संभोग (सेक्‍स) के दौरान उत्तेजना नहीं होती या उत्तेजना को बनाए रखने में परेशानी होती है। 

The FASEB जर्नल में पब्लिश स्‍टडी कहती है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा पुरुष अंतरिक्ष यात्रियों के लिए स्‍पेस में तो होता ही है, जब वो पृथ्‍वी पर लौटते हैं तब भी यह समस्‍या लंबे वक्‍त तक हो सकती है। इसकी वजह पर भी स्‍टडी में बात की गई है। बताया गया है कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान वैज्ञानिक गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणों (GCR) के संपर्क में आते हैं। वह भारहीनता (weightlessness) भी महसूस करते हैं। इन वजहों से उनकी सेक्‍सुअल हेल्‍थ प्रभावित होती है।   

स्‍टडी करने वाले रिसर्चर्स को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने फंड किया था। स्‍टडी में शामिल सीनियर लेखक डॉक्‍टर जस्टिन ला फेवर ने कहा कि इस तरह के इरेक्‍टाइल डिस्‍फंक्‍शन का ट्रीटमेंट मुमकिन है। उन्‍होंने कहा कि भविष्‍य में अंतरिक्ष मिशनों से जुड़ने वाले यात्रियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर सख्‍त निगरानी की जरूरत है। जब वह स्‍पेस मिशन से लौटें तो उनकी सेक्‍सुअल हेल्‍थ पर अपडेट लिया जाना चाहिए। 

स्‍टडी में कहा गया है कि मौजूदा वक्‍त में जो स्‍पेस वीकल इस्‍तेमाल हो रहे हैं, GCR से नहीं बचा पाते। ना चाहते हुए भी वैज्ञानिक गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणों के संपर्क में आते हैं। अच्‍छी बात है कि इस नुकसान को एंटीऑक्सिडेंट ट्रीटमेंट से रोका जा सकता है। गौरतलब है कि नासा समेत दुनिया के तमाम स्‍पेस एजेंसियां अपने वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष मिशनों के लिए भेजती रहती हैं। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Oppo Find X9, Find X9 Pro भारत में आज हो रहे लॉन्च, कीमत, फीचर्स और स्पेसिफकेशंस से लेकर जानें सबकुछ
  2. OnePlus 15 vs Google Pixel 10 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  3. Oppo Reno 15 और Reno 15 Pro फोन 200MP कैमरा और बड़ी बैटरी के साथ हुए लॉन्च, जानें कीमत
  4. भारत के स्मार्टफोन मार्केट में Vivo का दबदबा बरकरार, Oppo को मिला दूसरा रैंक 
  5. Airtel के 1 प्लान में 3 लोग एक साथ लेंगे अनलिमिटेड कॉल और डाटा का मजा, साथ में Amazon Prime और JioHotstar भी फ
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत के इस राज्य ने बना दिया AI वाला पहला कंप्यूटर, तुरंत देगा आपके सवालों का जवाब
  2. Oppo Find X9, Find X9 Pro भारत में आज हो रहे लॉन्च, कीमत, फीचर्स और स्पेसिफकेशंस से लेकर जानें सबकुछ
  3. भारत का 2028 में चंद्रयान-4 लॉन्च करने का टारगेट
  4. Samsung के ट्रिपल-फोल्ड स्मार्टफोन की अमेरिका में शुरू हुई टेस्टिंग, जल्द हो सकता है लॉन्च
  5. Nothing Phone 3a Lite जल्द होगा भारत में लॉन्च, 5,000mAh की बैटरी
  6. UBON ने लॉन्च किया 20W पार्टी स्पीकर, जो फुल चार्ज में चलेगा 20 घंटे! कीमत Rs 1,499
  7. Oppo Reno 15 और Reno 15 Pro फोन 200MP कैमरा और बड़ी बैटरी के साथ हुए लॉन्च, जानें कीमत
  8. क्या है Elon Musk का X Chat, जिसे बोला जा रहा है WhatsApp और Arattai किलर? यहां जानें सब कुछ
  9. भारत के स्मार्टफोन मार्केट में Vivo का दबदबा बरकरार, Oppo को मिला दूसरा रैंक 
  10. Vivo S50 Pro Mini में मिल सकता है Snapdragon 8 Gen 5 चिपसेट
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.