अंतरिक्ष में जाना कोई मामूली बात नहीं है। कड़ी मेहनत के बाद वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिलता है और जब वो वापस लौटते हैं, तब कई शारीरिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि आउटर स्पेस मिशन्स से लौटने वाले पुरुष अंतरिक्ष यात्रियों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें पुरुष के लिंग (पेनिस) में संभोग (सेक्स) के दौरान उत्तेजना नहीं होती या उत्तेजना को बनाए रखने में परेशानी होती है।
The FASEB जर्नल में पब्लिश
स्टडी कहती है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा पुरुष अंतरिक्ष यात्रियों के लिए स्पेस में तो होता ही है, जब वो पृथ्वी पर लौटते हैं तब भी यह समस्या लंबे वक्त तक हो सकती है। इसकी वजह पर भी स्टडी में बात की गई है। बताया गया है कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान वैज्ञानिक गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणों (GCR) के संपर्क में आते हैं। वह भारहीनता (weightlessness) भी महसूस करते हैं। इन वजहों से उनकी सेक्सुअल हेल्थ प्रभावित होती है।
स्टडी करने वाले रिसर्चर्स को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने फंड किया था। स्टडी में शामिल सीनियर लेखक डॉक्टर जस्टिन ला फेवर ने कहा कि इस तरह के इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का ट्रीटमेंट मुमकिन है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों से जुड़ने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य पर सख्त निगरानी की जरूरत है। जब वह स्पेस मिशन से लौटें तो उनकी सेक्सुअल हेल्थ पर अपडेट लिया जाना चाहिए।
स्टडी में कहा गया है कि मौजूदा वक्त में जो स्पेस वीकल इस्तेमाल हो रहे हैं, GCR से नहीं बचा पाते। ना चाहते हुए भी वैज्ञानिक गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणों के संपर्क में आते हैं। अच्छी बात है कि इस नुकसान को एंटीऑक्सिडेंट ट्रीटमेंट से रोका जा सकता है। गौरतलब है कि नासा समेत दुनिया के तमाम स्पेस एजेंसियां अपने वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष मिशनों के लिए भेजती रहती हैं।