वैज्ञानिकों को प्राणियों के प्राचीनतम इतिहास से एक नई खोज हाथ लगी है। मिस्र में एक मांसाहारी शिकारी की पूरी खोपड़ी खोजी गई है। इस शिकारी का नाम बेस्टेटोडॉन सिरटॉस है। यह मिस्र के फायुम डिप्रेशन में पाया गया है। यह खोपड़ी 3 करोड़ साल पुरानी बताई जा रही है। यह खोज अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खोज प्राचीन अफ्रीकी शिकारियों के वर्गीकरण के लिए अब एक चुनौती पैदा कर रही है। इन शिकारियों का विकास कैसे हुआ, इनके विलुप्त होने में क्लाइमेट चेंज का क्या हाथ रहा, और इनके बाद आधुनिक मांसाहारी जीव कैसे विकसित हुए, यह इन सब सवालों के साथ विज्ञान के सामने खोज को आगे बढ़ाने के लिए अनिवार्यता पैदा करती नजर आती है।
इस खोजे गए
भयंकर जीव की शिकारी विशेषताओं में पैने दांत, शक्तिशाली जबड़े और मजबूत मांसपेशियों के संकेत मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि इसके पास काटने की बेहद मजबूत क्षमता थी। नया पहचाना गया यह शिकारी बेस्टेटोडॉन एक तेंदुए के आकार का भयंकर स्तनधारी प्राणी था। एक प्रेस
रिलीज के अनुसार, जब हमारे बंदर जैसे पूर्वज विकसित हो रहे थे तब यह भयानक प्राणी सभी मांसाहारी जीवों और खाद्य श्रृंखला में सबसे ऊपर रहा होगा।
स्टडी को
Journal of Vertebrate Palaeontology में प्रकाशित किया गया है। स्टडी इस बारे में विस्तार से बताती है कि किस प्रकार इस भयानक प्राणी ने मिस्र के फायूम के हरे-भरे जंगलों में प्राइमेट्स, उस समय के दरियाई घोड़ों, हाथियों और हाईरेक्स का शिकार किया होगा। हालांकि यह इलाका अब रेगिस्तान बन चुका है।
बेस्टेटोडॉन एक विलुप्त मांसाहारी स्तनधारी समूह की प्रजाति से संबंध रखता है जिसे हाइनोडॉन्ट कहा जाता है। हाइनोडॉन्ट आधुनिक समय के मांसाहारी जानवरों जैसे बिल्लियों, कुत्तों और लकड़बग्घों से बहुत पहले विकसित हुए थे। डायनासोर के विलुप्त होने के बाद हाइना जैसे दांतों वाले ये शिकारी अफ्रीकी ईकोसिस्टम में शिकार करते थे। यह खोज प्राचीन अफ्रीकी शिकारियों के वर्गीकरण के लिए अब एक चुनौती पैदा कर रही है। यानी अब वैज्ञानिकों को इतिहास में और पीछे जाकर खोज करनी होगी।
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