सूर्य (Sun) में हो रही हलचलें अपने चरम पर हैं। यह सब उस ‘सौर चक्र' की वजह से है, जिससे हमारा सूर्य गुजर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, सौर हवाओं के साथ आई एक शॉक वेव ने पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड यानी चुंबकीय क्षेत्र पर असर डाला है। मैग्नेटोस्फीयर (magnetosphere) में क्रैक आ गया है, जिसके कारण एक भू-चुंबकीय तूफान आज पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। यह शॉकवेव कहां से पैदा हुई, यह पुख्ता तौर पर पता नहीं चल पाया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य में बने सनस्पॉड AR3165 से निकले कोरोनल मास इजेक्शन यानी CME से इस शॉकवेव की शुरुआत हुई होगी।
यह वही सनस्पॉट है, जिससे बीते दिनों एक के बाद एक 10
सोलर फ्लेयर्स निकले थे। इस वजह से अटलांटिक महासागर के ऊपर कुछ देर के लिए रेडियो ब्लैकआउट भी हो गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी पर जिस भू-चुंबकीय तूफान की संभावना है वह G-1 कैटिगरी का हो सकता है। यह काफी कमजोर होगा और थोड़ा बहुत असर दिखा सकता है। इसकी वजह से पावर ग्रिडों में मामूली उतार-चढ़ाव आ सकता है। सैटेलाइट्स में गड़बड़ी आ सकती है। हालांकि अगर कोई भू-चुंबकीय तूफान पावरफुल हो, तो वह सैटेलाइट्स को पृथ्वी की ओर सभी गिरा सकते हैं और इंटरनेट को बाधित कर सकते हैं।
सूर्य से निकल रहे सोलर फ्लेयर्स, CME या भू-चुंबकीय तूफान उस सौर चक्र का नतीजा हैं, जिसने सूर्य को बहुत ज्यादा एक्टिव कर दिया है। बात करें कोरोनल मास इजेक्शन की, तो CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्तार होता है और अक्सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्नेटिक फील्ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्यादा होने पर ये पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।
वहीं, जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्स प्रकाश की गति से अपना सफर तय कोरोनल मास इजेक्शन भी होता है।