वैज्ञानिकों को मिला डायनासोर का पैर, एस्ट्रॉयड ने कैसा किया तबाह, अब चलेगा पता!

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह जीवाश्‍म 66 मिलियन साल पहले डायनासोरों के साथ घटी असल घटना पर रोशनी डाल सकता है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 7 अप्रैल 2022 17:54 IST
ख़ास बातें
  • लाखों-करोड़ों साल पहले पृथ्‍वी पर डायनासोर रहते थे
  • एस्‍ट्राॅयड (asteroid) के पृथ्‍वी से टकराने पर वो खत्‍म हो गए
  • अब वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिली है

12 किलोमीटर चौड़ा एस्‍टरॉयड जिस जगह गिरा था, वह वर्तमान में मैक्सिको की खाड़ी है और तानिस से लगभग 3,000 किलोमीटर दूर है।

Photo Credit: BBC

लाखों-करोड़ों साल पहले पृथ्‍वी पर डायनासोर रहते थे। माना जाता है कि एक विनाशकारी एस्ट्रॉयड (asteroid) के पृथ्‍वी से टकराने पर जो त्रासदी आई, उसने डायनासोर के वजूद को खत्‍म कर दिया। अब वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। उन्‍हें डायनासोर का पैर मिला है। हैरानी इस बात की है कि यह अभी भी काफी हद तक संरक्षित है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह विनाशकारी एस्ट्रॉयड इवेंट से जुड़ा पहला जीवाश्म है। अमेरिका के नॉर्थ डकोटा में तानिस फॉसिल साइट (Tanis fossil site) पर इस जीवाश्‍म को खोजा गया है। पैर की त्‍वचा अभी भी उससे जुड़ी हुई है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह जीवाश्‍म 66 मिलियन साल पहले डायनासोरों के साथ घटी असल घटना पर रोशनी डाल सकता है। पता चल सकता है कि जब एक विशाल एस्ट्रॉयड पृथ्वी से टकराया था और उसने डायनासोर का सफाया कर दिया था, तब वाकई में हुआ क्‍या था। 

पुरातत्वविद, एस्ट्रॉयड के असर से पहले के कुछ वर्षों के सबूत तलाशने में सफल रहे हैं। हालांकि उनका यह मानना है जिस दिन एस्ट्रॉयड पृथ्‍वी से टकराया था, उसी दिन डायनासोर मारे गए थे। ताजा खोज उन्‍हें इस बारे में और जानकारी उपलब्‍ध करा सकती है।  

BBC ने कहा है कि उसने तानिस फॉसिल साइट में तीन साल बिताए हैं। इसके लिए फ‍िल्‍माए गए दृश्‍यों को इस महीने के आखिर में प्रसारित किया जाएगा। तानिस का अस्तित्व, इसके लिए किए गए दावे पहली बार साल 2019 में न्यू यॉर्कर मैगजीन में प्रकाशित हुए थे। साइट की खुदाई कर रही टीम ने आश्वासन दिया है कि जब जीवाश्म निकाले जाएंगे, तैयार किए जाएंगे तब और भी बहुत कुछ सामने आएगा। 

माना जाता है कि 12 किलोमीटर चौड़ा एस्ट्रॉयड जिस जगह गिरा था, वह वर्तमान में मैक्सिको की खाड़ी है और तानिस से लगभग 3,000 किलोमीटर दूर है। तानिस में जीवाश्म इतनी अच्छी तरह से क्यों संरक्षित हैं, यह एक रहस्य है। हालांकि यह नहीं भूलना चाहिए कि एस्ट्रॉयड से हुई तबाही का असर दूर-दूर तक हुआ था। 

तानिस में हो रही खुदाई को लीड कर रहे मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्‍टूडेंट रॉबर्ट डीपल्मा ने कहा है कि इस साइट को लेकर उनके पास बहुत सारी जानकारी है, जो उन्हें यह बताती है कि तब क्या हुआ था।
 
 

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