यूरीन को पीने के पानी में बदल देगा यह स्पेस सूट!

यूरीन का पता लगते ही इसमें एक वैक्यूम पम्प चालू हो जाता है जो यूरीन को फिल्टर करने वाले डिवाइस में खींच लेता है।

यूरीन को पीने के पानी में बदल देगा यह स्पेस सूट!

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अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन के अंदर रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की अपनी अलग चुनौतियां होती हैं।

ख़ास बातें
  • स्पेस में अंतरिक्ष यात्रियों की अपनी अलग चुनौतियां होती हैं।
  • स्पेस स्टेशन में रहने वाली यात्रियों के लिए टॉयलेट सुविधा एक बड़ी चुनौती
  • नया सिस्टम यूरीन में से पानी को अलग कर लेता है और उसे शुद्ध करता है।
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अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन के अंदर रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की अपनी अलग चुनौतियां होती हैं। वहां पर खाने, पीने, यूरीन पास करने के लिए भी खास इंतजामों की जरूरत पड़ती है। इसी तरह स्पेस स्टेशन में रहने वाली यात्रियों के लिए टॉयलेट सुविधा एक बड़ी चुनौती होती है। अभी तक अंतरिक्ष यात्री स्पेस में यूरीन पास करने के लिए खास तरह के डाइपर का इस्तेमाल करते आए हैं जो कि नासा उन्हें उपलब्ध करवाती है। लेकिन अब एक नए डिवाइस का आविष्कार वैज्ञानिकों ने कर लिया है जो यूरीन को पीने के पानी में तब्दील कर देगा! 

New Scientist की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क में शोधकर्ताओं ने 8 किलो वजन का एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जो कि स्पेस सूट में फिट किया जा सकेगा। इसमें एक ओस्मॉसिस फिल्टर लगा होगा जिसकी मदद से यह यूरीन को पीने लायक पानी में बदल देगा। Cornell University के वैज्ञानिकों ने इस नए डिवाइस के बारे में Frontiers in Space Technology नामक जर्नल में बताया है। 

रिसर्च टीम ने इस बात को नोट किया कि वर्तमान में इस्तेमाल होने वाला डाइपर सिस्टम कुछ देर के लिए इस समस्या का समाधान हो सकता है। लेकिन स्पेस वॉक के दौरान अगर अंतरिक्ष यात्रियों की एक्टिविटी लम्बे समय के लिए चलती है तो इसके लिए समाधान भी लम्बे समय वाला चाहिए होगा। 

NASA वर्तमान में अंतरिक्ष यात्रियों को यूरीन पास करने के लिए मैग्जिमम एब्जॉर्बेंसी गार्मेंट (Maximum Absorbency Garment) उपलब्ध करवाती है। यह असल में एक एडल्ट डाइपर होता है जिसमें यूरीन और मल एकत्रित होता है। स्पेस वॉक के अंत में इन्हें स्पेस स्टेशन के वेस्ट सिस्टम में छोड़ दिया जाता है जिसके बाद ये वहीं पर स्पेस में जला दिए जाते हैं। 

नए सिस्टम के तहत वैज्ञानिकों ने ऐसा डिवाइस ईजाद किया है जो वजन में हल्का है। यह यूरीन में से पानी को अलग कर लेता है और उसे शुद्ध करता है। यह प्रोसेस सिर्फ 5 मिनट में ही पूरा हो जाता है। इसमें एक ह्यूमिडिटी सेंसर भी लगा होगा जो यूरीन का पता खुद ही लगा लेगा। 

यूरीन का पता लगते ही इसमें एक वैक्यूम पम्प चालू हो जाता है जो यूरीन को फिल्टर करने वाले डिवाइस में खींच लेता है। यूरीन से पानी निकाल कर यह उसे साफ और शुद्ध करता है, फिर उसे स्पेस सूट में लगे ड्रिंकिंग बैग में भेज देता है। हालांकि सिस्टम अभी शुरुआती स्टेज में है, लेकिन लैब में इसे कारगर तौर पर काम करते हुए टेस्ट किया जा चुका है। 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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