चंद्रमा पर वैक्‍यूम क्‍लीनर भेज रहे वैज्ञानिक, क्‍या काम करेगा? जानें

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक अभूतपूर्व तकनीक को दुनिया को दिखाया है। इसका नाम लूनार प्‍लैनेटवैक (Lunar PlanetVac (LPV) है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 14 जनवरी 2025 12:53 IST
ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों ने लूनार प्‍लैनेटवैक को किया तैयार
  • यह एक तरह का वैक्‍यूम क्‍लीयर है
  • चंद्रमा से सैंपल जुटाने में होगा इस्‍तेमाल

LPV को इस्‍तेमाल में लाया गया, तो भविष्‍य में वैज्ञानिकों को चांद या मंगल से सैंपल कलेक्‍ट करने के लिए वहां खुदाई नहीं करनी पड़ेगी।

Photo Credit: Firefly Aerospace

दुनियाभर के वैज्ञानिक ऐसी टेक्‍नॉलजीज पर काम कर रहे हैं, जो भविष्‍य में मून (Moon) और अन्‍य ग्रहों पर प्रस्‍तावित मिशनों में इस्‍तेमाल होंगी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक अभूतपूर्व तकनीक को दुनिया को दिखाया है। इसका नाम लूनार प्‍लैनेटवैक (Lunar PlanetVac (LPV) है। इससे वैज्ञानिकों के चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर मिट्टी और चट्टान के सैंपल इकट्ठा करने और उन्‍हें स्‍टडी करने के तरीके में बदलाव आएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इस तकनीक को हनीबी रोबोटिक्स ने डेवलप किया है। यह कंपनी ब्‍लू ओरिजन (Blue Origin) का भाग है। 

LPV एक हाई-टेक वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करता है। चंद्रमा की मिट्टी को हिलाने के लिए यह प्रेशर वाली गैस का इस्‍तेमाल करता है। ऐसा करने पर एक छोटा-सा बवंडर बनता है, जिससे मिट्टी के सैंपल कंटेनर में पहुंच जाते हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस सिस्‍टम को चंद्रमा पर भेजे जाने वाले एक लैंडर से जोड़ा गया है, जो सैंपलों को ऑटोमैटिक इकट्ठा करने में मदद करेगा और सैंपलों को पृथ्‍वी पर भी लाया जाएगा।  
 

चंद्रमा-मंगल पर नहीं करनी पड़ेगी खोदाई

LPV को इस्‍तेमाल में लाया गया, तो भविष्‍य में वैज्ञानिकों को चांद या मंगल से सैंपल कलेक्‍ट करने के लिए वहां खोदाई नहीं करनी पड़ेगी। नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में LPV को मैनेज करने वाले डेनिस हैरिस ने कहा कि इस तकनीक में न तो खुदाई करनी पड़ती है, न ही मशीन के घिसने या किसी पार्ट को बदलने का झंझट रहता है। यह एक वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करता है। 

वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि इस तकनीक का इस्‍तेमाल दूसरे ग्रहों पर पानी, हीलियम और अन्य मिनिरल्‍स की खोज में मददगार साबित हो सकता है। 
 

सबसे पहले कहां इस्‍तेमाल होगा LPV 

LPV को ब्लू घोस्ट लैंडर (Blue Ghost lander) पर लगाया गया है। इसका सैंपलिंग हेड दबावयुक्त गैस उत्सर्जित करेगा, जिससे चंद्रमा की मिट्टी में हलचल होगी और धूल का छोटा बवंडर पैदा होगा। हलचल होने पर एक सेंटीमीटर आकार तक के कण उड़ेंगे और सैंपल कंटेनर में जमा हो जाएंगे। Lunar PlanetVac उन 10 पेलोड में शामिल है, जिन्‍हें ब्लू घोस्ट लैंडर में लगाया गया है। 
 
 

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प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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