चीन अंटार्कटिका में 3600 मीटर गहरा गड्ढा खोदने की तैयारी कर रहा है। चीन का यह नया वैज्ञानिक अभियान चर्चा में आ गया है। पिछले दिनों खबर आई थी कि चीन ने अंटार्कटिका में नया रिसर्च स्टेशन बनाया है। अब इसी रिसर्च स्टेशन के माध्यम से चीन बर्फ को 3600 मीटर गहरी खोदने जा रहा है। आखिर क्या है चीन का मकसद?
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी पर मिट्टी और पानी में बहुत सी खोजें की हैं लेकिन बर्फ पर बहुत अधिक ध्यान अभी तक नहीं दिया गया है। लेकिन
चीन बर्फ को खोदने की तैयारी कर चुका है। चाइना डेली के
अनुसार अंटार्कटिका की बर्फ में 11,811 फीट गहरी खुदाई करके चीन देखना चाहता है कि आखिर बर्फ में नीचे कहीं इसका अपना ईकोसिस्टम भी होता है? अगर होता है तो यह कैसे काम करता है, और इतनी ठंड में यहां पर जीवन कैसे पनप पाता है।
चीन ने 2022 में इस लक्ष्य की शुरुआत की थी। यह वैज्ञानिक अभियान क्विलिन सबग्लेशियल लेक में चलाया जाएगा। यह झील Princess Elizabeth Land से 3600 मीटर नीचे मौजूद है जिसकी सतह का एरिया 370 स्क्वायर किलोमीटर माना जा रहा है। जबकि इसकी गहराई 200 मीटर के लगभग मानी जा रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झील बाहरी दुनिया से लगभग 30 लाख सालों से छिपी रह गई। संभावित तौर पर यहां ऐसी प्रजाति मिल सकती हैं जो कि इस तरह के वातावरण में खुद को जिंदा रख पाने में सक्षम हों।
एक तरफ चीन जैविक विविधता की क्षमता को परखने की कोशिश करेगा, तो दूसरी ओर इस अभियान का एक और मकसद भी यह लेकर चल रहा है। यहां पर चीन पृथ्वी के इतिहास और भविष्य को भी देखने की कोशिश करेगा। झील के इतिहास के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकेगा कि पुराने समय में यहां वातावरण किस तरह से भिन्न रहा होगा। हालांकि बर्फ में खुदाई करना और रिसर्च करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। यह बहुत जल्दी टूट सकती है और काम में काफी बाधा आ सकती है। चीन का पोलर रिसर्च इंस्टीट्यूट इस दिशा में ऐसे उपकरण तैयार कर रहा है जिनके माध्यम से साफ-सुथरे तरीके से ड्रिलिंग की जा सकेगी।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।