• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • सूर्य में हुई बारिश! तारे भी टूटे, 4.9 करोड़ किलोमीटर दूर से स्‍पेसक्राफ्ट ने खींची तस्‍वीर, देखें

सूर्य में हुई बारिश! तारे भी टूटे, 4.9 करोड़ किलोमीटर दूर से स्‍पेसक्राफ्ट ने खींची तस्‍वीर, देखें

यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के सोलर ऑर्बिटर स्‍पेसक्राफ्ट ने यह ऑब्‍जर्वेशन किया है।

सूर्य में हुई बारिश! तारे भी टूटे, 4.9 करोड़ किलोमीटर दूर से स्‍पेसक्राफ्ट ने खींची तस्‍वीर, देखें

Photo Credit: ESA

धारियों के साथ पहली बार सूर्य की सतह पर सौर तारे टूटते (solar shooting stars) हुए दिखाई दिए।

ख़ास बातें
  • यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के स्‍पेसक्राफ्ट ने जुटाई जानकारी
  • सूर्य में इस तरह का नजारा पहली बार देखा गया
  • सूर्य से जुड़े शोधों में मदद कर सकता है यह ऑब्‍जर्वेशन
विज्ञापन
सूर्य को टटोल रहे वैज्ञानिक मिशन इसके बारे में रोज नई जानकारी जुटा रहे हैं। खगोलविदों ने सूर्य की सतह पर उल्‍कापिंडों (meteor) जैसी धारियां देखी हैं। इन्‍हें देखकर लगता है जैसे सूर्य की सतह पर बारिश हो रही है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के सोलर ऑर्बिटर स्‍पेसक्राफ्ट ने यह ऑब्‍जर्वेशन किया है। धारियों के बीच पहली बार सूर्य की सतह पर सौर तारे टूटते (solar shooting stars) हुए दिखाई दिए। यह पृथ्‍वी से दिखाई देने वाले टूटते तारों से कैसे अलग होते हैं? आइए जानते हैं। 

रॉयल एस्‍ट्रोनॉमिकल सोसायटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि सोलर शूटिंग स्‍टार्स, पृथ्‍वी से दिखने वाले टूटते तारों से अलग होते हैं। हम जिन टूटते हुए तारों को देखते हैं, वो अंतरिक्ष की धूल, चट्टानें और छोटे एस्‍टरॉयड हो सकते हैं, जो पृथ्‍वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही जलने लग जाते हैं। सूर्य में जो उल्‍कापिंडों जैसी धारियां नजर आई हैं, वो प्‍लाज्‍मा के विशाल गुच्‍छे हैं।  

रिपोर्ट कहती है कि पृथ्‍वी का वातावरण बहुत घना है। इस वजह से टूटते तारे हमारे ग्रह पर नहीं गिरते। सूर्य का वायुमंडल जिसे कोरोना कहते हैं, काफी पतला है। ऐसे में प्‍लाज्‍मा के गुच्‍छे सूर्य से अलग नहीं हो पाते और तारे की सतह पर ही बने रहते हैं। 

वैज्ञानिकों को लगता है कि हालिया खोज से यह जानने में मदद मिल सकती है कि सूर्य का कोरोना उसके नीचे की परतों के मुकाबले ज्‍यादा गर्म क्‍यों है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के स्‍पेसक्राफ्ट ने सूर्य पर टूटते तारों को कोरोनल रेन की घटना के दौरान देखा था। इस घटना में प्‍लाज्‍मा काफी एक्टिव हो जाता है और इकट्ठा होने लगता है।  

स्‍पेसक्राफ्ट ने जब घटना को कैमरे में कैद किया, तब वह सूर्य से 4.9 करोड़ किलोमीटर दूर था। यानी वह बुध ग्रह से भी ज्‍यादा नजदीक था सूर्य के। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना कुछ ही देर तक चली और उस दौरान सूर्य में जो गैस बन रही थी, वह 10 लाख डिग्री तक गर्म हो रही थी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iQOO 14 Pro पर चल रहा काम, Samsung OLED डिस्प्ले के साथ देगा दस्तक!
  2. IND vs ENG T20I Live: भारत-इंग्लैंड के बीच आज पहले T20I मैच में होगा घमासान! यहां देखें फ्री!
  3. TCL K7G Plus स्मार्ट डोर लॉक लॉन्च, 3D फेशियल रिकग्निशन के साथ 5-6 महीने चलेगी बैटरी
  4. Nothing Phone (3) का दिखा टीजर, स्पेशल एडिशन के साथ होगा लॉन्च!
  5. iPhone 17 सीरीज में बदल जाएगा फोन का डिजाइन! तस्वीरें लीक
  6. MicroStrategy ने बढ़ाई बिटकॉइन की होल्डिंग, 1 अरब डॉलर से ज्यादा का किया इनवेस्टमेंट 
  7. महाकुंभ में परिवहन के लिए इस्तेमाल होंगे ओला इलेक्ट्रिक के 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स
  8. बेहद पतला होने के बाद भी Oppo Find N5 फोल्डेबल फोन में मिलेगा वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट, कंपनी ने शेयर किया वीडियो
  9. Infinix Smart 9 HD भारत में 28 जनवरी को होगा लॉन्च! डिजाइन और स्पेसिफिकेशन्स भी हुए लीक
  10. अपकमिंग OnePlus स्मार्टफोन्स में मिलेगा बिल्कुल नया डिजाइन, मटेरियल और बनाने का तरीका भी बदला जाएगा!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »