Nasa ने 50 साल बाद फ्रीजर से निकाले चंद्रमा से लाए गए सैंपल, जानें पूरा मामला

साल 1972 में दिसंबर के महीने में अपोलो 17 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री सैंपल लेकर चंद्रमा से लौटे थे।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 5 मई 2022 12:09 IST
ख़ास बातें
  • अपोलो 17 मिशन के तहत ये सैंपल लाए गए थे
  • अपक‍मिंग मून मिशनको देखते हुए इन सैंपलों को परखा जा रहा है
  • वैज्ञानिकों को लगता है कि इससे आने वाले मिशनों में मदद मिलेगी

यह प्रोजेक्‍ट न सिर्फ आर्टेमिस प्रोग्राम को मदद करेगा, बल्कि फ्यूचर में सैंपल लाने के मसले को आसान बनाएगा।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने 50 साल पहले चंद्रमा की सतह से सैंपल इकट्ठा किए थे। क्‍योंकि नासा एक बार फ‍िर से अपने मून मिशन की तैयारी कर रही है, ऐसे में वैज्ञानिकों ने 50 साल बाद चंद्रमा की सतह से लिए गए सैंपलों का अध्‍ययन शुरू कर दिया है। साल 1972 में दिसंबर के महीने में अपोलो 17 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री सैंपल लेकर चंद्रमा से लौटे थे। इन सैंपल्‍स को एक फ्रीजर में रख दिया गया था। इन सैंपलों को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर से मैरीलैंड के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर तक ले जानी की प्रक्रिया आसान नहीं रही। ऐसा करने में वैज्ञानिकों को चार साल लग गए। 

वैज्ञानिकों ने जमे हुए अपोलो 17 के सैंपलों को प्रोसेस करने के लिए एक फैसिलिटी को डिजाइन और रेट्रोफिट करना शुरू किया है। उन्‍होंने एक नया दृष्टिकोण अपनाया है और उनका मानना है कि इसे फ्यूचर के मून मिशन में लागू किया जा सकता है। यह रिसर्च अपोलो नेक्स्ट जेनरेशन सैंपल एनालिसिस प्रोग्राम यानी ANGSA का हिस्सा है।

इस प्रोजेक्‍ट को नासा की जूली मिशेल लीड कर रही हैं। वह कहती हैं कि हमने साल 2018 की शुरुआत में इसे शुरू किया और बहुत सारी तकनीकी कठिनाइयों से गुजरना पड़ा। हमने इसे भविष्य में कोल्ड सैंपल प्रोसेसिंग के लिए एक फैसिलिटी तैयार करने के लिए टेस्टिंग के रूप में देखा।

मिशेल ने कहा कि यह प्रोजेक्‍ट न सिर्फ आर्टेमिस प्रोग्राम को मदद करेगा, बल्कि फ्यूचर में सैंपल लाने के मसले को आसान बनाएगा। दरअसल, नासा की तैयारी आने वाले वर्षों में मंगल ग्रह से सैंपल लाने की है। मौजूदा वक्‍त में नासा का रोवर मंगल ग्रह पर सैंपल जुटाने का काम कर रहा है। 

इस रिसर्च पर काम कर रहे लोगों के अनुसार, चंद्रमा की सतह के इन सैंपल्‍स में कुछ खास है, जिनका लगभग पांच दशकों में विश्लेषण नहीं किया गया है। चंद्रमा के कुछ सैंपलों में अमीनो एसिड का पता चला था, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए जरूरी हैं। जाहिर तौर पर  इस अध्‍ययन से नासा के अगले मून मिशन को काफी मदद मिलेगी। वह अपने आर्टेमिस मिशन के तहत इंसानों को एकबार फ‍िर से चंद्रमा पर भेजाना चाहती है और इस बार वहां स्‍थायी सेटअप तैयार करना चाहती है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

The resident bot. If you email me, a human will respond. ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
#ताज़ा ख़बरें
  1. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  4. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  5. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  6. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  7. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  8. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  9. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  10. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.